For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल कहीं राधा कहीं मीरा कहीं पे श्याम के चर्चे

1222   1222     1222     1222
हमें अब याद आते हैं सुहानी शाम के चर्चे
तुम्हारी बज़्म की बातें तुम्हारे नाम के चर्चे

सदायें ये मुहब्बत की दिशायें गुनगुनायेंगी
कहीं राधा कहीं मीरा कहीं पे श्याम के चर्चे

लिये बैठा हूँ नम आँखें अधूरा प्यार का किस्सा 

कभी मजनू कभी राँझे कभी खय्याम के चर्चे

किसी ने राग जो छेड़ा घुली खुशबू हवाओं में

दुआओं में महक जाते दिले गुमनाम के चर्चे

जलाये जा रहा कोई दिया दिल के दरीचे में
जिगर पे ज़ख्म भी खाये हुये अन्जाम के चर्चे

नहीं है भूलना मुमकिन जुदाई का वो अफ़साना 
सुनाई दे रहे हर सिम्त सूनी बाम के चर्चे

यही तो बात ऐसी है जुदा हस्ती हमारी में
वहाँ हक्काम की बातें यहाँ पे आम के चर्चे

मौलिक एवं अप्रकाशित 

©बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 941

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 5, 2016 at 10:22pm

सुन्दर शब्दों में उत्साहवर्धन के लिए आपका धन्यवाद आदरणीया सीमा शर्मा मेरठी जी 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 5, 2016 at 10:20pm

उत्साहवर्धन के लिए आपका धन्यवाद आदरणीय narendrasinh chauhan जी 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 5, 2016 at 10:17pm

आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार आदरणीय  laxman dhami जी 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 5, 2016 at 10:16pm

रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 5, 2016 at 10:15pm

रचना पटल पे आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय  Manoj kumar Ahsaas जी 

Comment by सीमा शर्मा मेरठी on April 5, 2016 at 12:51pm
बहुत खूबसूरत अशार सभी अशआर लजवाब ख़ास तौर पर हीर राँझा और राधा वाला खूबसूरत
Comment by narendrasinh chauhan on April 5, 2016 at 11:20am

खूब सुन्दर रचना 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 5, 2016 at 11:05am

इस सूंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई l

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 5, 2016 at 9:43am

बहुत बढ़िया ब्रज जी  आपने बहुत अच्छी गजल कही 

Comment by मनोज अहसास on April 5, 2016 at 6:54am
बहुत खूब आदरणीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी,  आपके प्रयास की वाह-वाह भूरि-भूरि, कठिन है किंतु पद, आपने लगा…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  कवित्त है शुद्ध शुद्ध, कवि मन से प्रबुद्ध, पद पढ़ बार-बार, रस में…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   बरसों बाद मेला है, खूब ठेलम ठेला है, भीड़ बहुत भारी है,…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"सुगढ़ कवित्त प्रस्तुति, आदरणीय अशोक भाईजी  मैं पुन: उपस्थित होता हूँ। "
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   संगम  के  तट  पर, संतो  का  जमावड़ा  है, एक…"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 175 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |इस बार का…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service