For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सत्यांजलि


धन्य धन्य हे मात तू, धन्य हुआ यह पूत।
असहायों की मदद कर, यश-धन मिला अकूत।।1


क्षितिज द्वार पर नित्य ही, कुमकुम करे विचार।
स्वर्ण किरण के जाल में, क्यों फॅसता संसार।।2


उपकारी बन कर फलें, ज्यों दिनकर का तेज।
दिन भर तप कर दे रहा, रात्रि सुखद की सेज।।3


धर्म कार्य जन हित रहे, चींटी तक रख ध्यान।
मात्र द्वेष निज दम्भ रख, ज्ञानी भी शैतान।।4


जनहित मन्तर धर्म का, स्वार्थी पगे अधर्म।
सच्चा सेवक त्यागमय, करता है सतकर्म।।5


उपबन्धों में प्यार क्या? जीवन भी नित गर्क।
रहें बन्ध से मुक्त हम, यही सत्य का अर्क।।6


प्रस्तर प्यारा प्रेम का, ज्यों अस्तर लग कोट।
अन्तर्मन के भाव सम, ढके रहें सब चोट।।7


इतिहासों पर  हैं अड़े, खोज न पाये पंथ।
जन-जन चलनी हो गये, कण्ट धर्म के ग्रंथ।।8


नवल सूर्य नव सांझ भी, हर नवरात्रि अनूप।
धरती माता से कहें, मनुष गहन तम कूप।।9


भू कम्पन या जल प्रलय, आँधी हो तूफान।
मनुष कभी रखता नहीं, प्रकृति धैर्य का मान।।10


के.पी. सत्यम / मौलिक व अप्रकाशित

 

Views: 478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 3, 2015 at 8:57pm

आदरणीय  विजय भाई जी,  आपका हार्दिक आभार,  सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 3, 2015 at 8:56pm

आदरणीय  वामंनकर भाई जी,  आपका हार्दिक आभार,  मैं आपका आशय नहीं समझ सका....!  पंक्ति बिलकुल सही है----हाँ----आप "अकूत" के स्थान पर "प्रभूत"  भी  पढ सकते हैं! सादर

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 2, 2015 at 6:23am
सत्यांजलि, सुन्दर दोहावली, बधाई , इस प्रस्तुति पर आदरणीय केवल प्रसाद जी, सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 1, 2015 at 8:37pm

सुन्दर दोहावली हुई है हार्दिक बधाई 

इन पंक्तियों पर पुनर्विचार निवेदित है -

असहायों की मदद कर, यश-धन मिला अकूत।।1

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 1, 2015 at 4:14pm

आ0  कबीर भाई जी,     आपका हार्दिक आभार.  सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 1, 2015 at 4:14pm

आ0 गोपाल सर जी,  सही पकडा आपने,  अभी सही करा देता हूँ.   आपका हार्दिक आभार.  सादर

Comment by Samar kabeer on May 1, 2015 at 3:36pm
जनाब केवल प्रसाद जी,आदाब, अच्छे दोहे कहे हैं आपने ,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं |
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 1, 2015 at 12:36pm

केवल जी

'इतिहासों पर अड़े हैं' को 'इतिहासों पर हैं अड़े ' कर लीजिये , सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service