For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चित्र हो और कोई , ये गॅवारा नहीं

साथ मेरे चलों , तो चलों उम्र भर ,
दो कदम साथ चलना गॅवारा नहीं।
तुम अधूरे इधर , मैं हूँ अधूरा उधर ,
दोनों आधे जिये , ये गॅवारा नहीं ।

तुम जो कह दो शुरू, तो शुरूआत हो
तुम जो कह दो खतम , सॉस थम जोयगी ।
पंथ कांटों का हो या कि फूलों भरा
तुम नहीं साथ में , ये गॅवारा नहीं ।

लाख नजरों में दिलकश नजारे रहे
किंतु आँखों की देहरी को न छू सके
मेरे सपनों के घर में सिवाय तेरे ,
चित्र हो और कोई , ये गॅवारा नहीं

मैं अकेला रहूँ या रहूँ भीड मैं
तुम बढाना नहीं हाथ मेरी तरफ
ये जमाना करें , लाख मुझपे सितम
एक तुझपे सितम , ये गॅवारा नहीं।

.

अजय कुमार शर्मा
( मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 700

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on December 4, 2014 at 4:48pm

बहुत खूबसूरत भाव हैं। बधाई।

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 3, 2014 at 8:07pm

बहुत ही सुन्दर! गुनीजनों की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होती है...

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 3, 2014 at 6:48pm

साथ मेरे चलों , तो चलों उम्र भर ,
दो कदम साथ चलना गॅवारा नहीं।
तुम अधूरे इधर , मैं हूँ अधूरा उधर ,
दोनों आधे जिये , ये गॅवारा नहीं ।----------भैया कहाँ से ये भाव ले आये  i बहत उच्च i बहुत सुन्दर i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 3, 2014 at 10:21am

साथ मेरे चलों , तो चलों उम्र भर , 
दो कदम साथ चलना गॅवारा नहीं।
तुम अधूरे इधर , मैं हूँ अधूरा उधर , ------हूँ हटा दीजिये 
दोनों आधे जिये , ये गॅवारा नहीं ।-------बहुत ही खूबसूरत  शुरुआत ,इसी तरह अन्य पंक्तियों को  भी साधते २१२ २१२  २१२  २१२ ...पर  तो क्या बात थी एक शानदार नज्म होती 

खैर बहरहाल ढेरों बधाई लीजिये इस भावपूर्ण प्रस्तुति पर 

Comment by ajay sharma on December 2, 2014 at 10:46pm

bahut roj se ik ik rachna post kar raha tha ....aaj manokamna puran hui .....sabhi ......bade aur guni jano ko hardik dhanyavad 

Comment by maharshi tripathi on December 2, 2014 at 8:04pm

मन को छूने वाली ,,,,,सुन्दर रचना पर बधाई ,आ. अजय जी |

Comment by Neeraj Neer on December 2, 2014 at 6:00pm

वाह बहुत सुंदर। 

Comment by ram shiromani pathak on December 2, 2014 at 1:46pm

सुन्दर भाव //हार्दिक बधाई आपको

Comment by Hari Prakash Dubey on December 2, 2014 at 12:38pm

मेरे सपनों के घर में सिवाय तेरे , 
चित्र हो और कोई , ये गॅवारा नहीं....सुन्दर रचना ,हार्दिक बधाई श्री अजय शर्मा जी !

Comment by somesh kumar on December 2, 2014 at 11:16am

ज़िन्दगी भर का साथ माँगा है /हाँ तेरा हाथ माँगा है/

चंद मुलाकतों में मुक्कमल नहीं /इसलिए हर घड़ी का साथ माँगा है 

सुंदर भाव-अभिव्यक्ति 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service