For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अच्छा नहीं होता गुस्सा - जवाहर

अच्छा नहीं होता गुस्सा

पर हो जाता है

मन में गुस्सा

जब कभी

मन माफिक नहीं होता

कोई भी काम

नहीं मानते

अपने ही कोई बात

फिर क्या करें ?

हो जाएँ मौन ?

फिर समझ पायेगा कौन?

आप सहमत हैं या असहमत

क्योंकि

लोग तो यही कहेंगे

मौनं स्वीकृति लक्षणं

मन में रखने से कोई बात

हो जाता नहीं तनाव ?

तनाव और गुस्सा

दोनों है हानिकारक

तनाव खुद का करता नुक्सान

गुस्सा खुद के साथ

दूसरों को भी

करता है परेशान

अत: छोड़ें गुस्सा

बढ़ने दें तनाव

करें व्यायाम और प्राणायाम

लेकर प्रभु का नाम

(मौलिक और अप्रकाशित)

- जवाहर लाल सिंह 

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 30, 2014 at 8:06pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्री हरिवल्लभ शर्मा जी!

Comment by harivallabh sharma on November 29, 2014 at 12:01am

तनाव और गुस्सा स्वस्थ मनुष्य को रोगी बनाते हैं...स्वस्थ रहने के लिए इनका परित्याग जरुरी है..प्रेरक रचना..सुन्दर बधाई.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 28, 2014 at 10:12am

सकारात्मक प्रतिक्रिया और उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 28, 2014 at 10:10am

हार्दिक आभार आदरणीय श्री जितेन्द्र पस्तारिया जी.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 28, 2014 at 10:09am

रचना को सम्मान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी..

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 27, 2014 at 11:10pm
लाभप्रद संदेश है इसमें , बहुत बहुत बधाई आदरणीय जवाहरलाल सिंह जी।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 27, 2014 at 10:47pm

बहुत सही सीख देती,सुंदर रचना. बधाई सर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 27, 2014 at 9:23pm

अच्छी सीख देती हुई रचना ..बधाई आपको आ० जवाहर जी 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 27, 2014 at 8:49pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्री सोमेश कुमार जी आपकी प्रतिक्रिया में भी संतुलन है - गुस्सा हो या तनाव ,दोनों का सही संतुलन ही हमें स्वस्थ रख सकता है ,दोनों अपनी जगह अपरिहार्य हैं 

Comment by somesh kumar on November 27, 2014 at 8:36pm

गुस्सा हो या तनाव ,दोनों का सही संतुलन ही हमें स्वस्थ रख सकता है ,दोनों अपनी जगह अपरिहार्य हैं ,सुंदर विषय |मंच पर आपको पाकर अपार हर्ष की अनुभूति हुई |रचना-कर्म के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
7 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
7 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Apr 10
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Apr 10

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service