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ओबीओ की बारहवीं सालगिरह का तुहफ़ा

ग़ज़ल

212 212 212

तू है इक आइना ओबीओ
सबने मिल कर कहा ओबीओ

जो भी तुझ से मिला ओबीओ
तेरा आशिक़ हुआ ओबीओ

तुझसे बहतर अदब का नहीं
कोई भी रहनुमा ओबीओ

जन्म दिन हो मुबारक तुझे
मेरे प्यारे सखा ओबीओ

यार बरसों से रूठे हैं जो
उनको वापस बुला ओबीओ

हम तेरा नाम ऊँचा करें
है यही कामना ओबीओ

जो नहीं सीखना चाहते
उनसे पीछा छुड़ा ओबीओ

और जो सीखते हैं उन्हें
अपने सर पर बिठा ओबीओ

जो मेरे दिल ने मुझ से कहा
मैंने वो कह दिया ओबीओ

हम तेरे साथ आगे बढ़ें
रास्ता वो दिखा ओबीओ

तेरा सेवक हूँ मुद्दत से मैँ
और रहूँगा सदा ओबीओ

तू सदा यूँ ही फूले फले
है 'समर की दुआ ओबीओ

'समर कबीर'

मौलिक/अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Samar kabeer on February 18, 2023 at 2:19pm

जनाब सतविन्द्र कुमार जी, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on February 16, 2023 at 10:48pm
आदरणीय समर कबीर सर सादर वंदे! ओबीओ के प्रति हमारे जज़्बात की झलक है ये ग़ज़ल! तहेदिल मुबारकबाद!
Comment by Samar kabeer on December 20, 2022 at 5:11pm

मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on December 20, 2022 at 5:10pm

जनाब रवि शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Usha Awasthi on December 20, 2022 at 5:06pm

ओ बीओ की सालगिरह पर खूबसूरत ग़ज़ल हेतु आदरणीय समर कबीर साहेब को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 

Comment by Ravi Shukla on December 20, 2022 at 1:37pm

आदरणीय समर साहब ओ बी ओ की सालगिरह पर कही आपकी शान दार ग़ज़ल के लिये शेर दर शेर दिली मुबारक बाद कुबूल करें। हर शेर अपने आप में एक मुकम्मल बात कह रहा है ओ बी  ओ के साथी उनसे सीधे जुड़ पा रहे है । बहुत बहुत बधाई 

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 4:02pm

जनाब चेतन प्रकाश जी आपकी महब्बतों और ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 4:00pm

जनाब अशोक कुमार रक्ताले जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी विस्तृत टिप्पणी पा कर मुग्ध हूँ, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका दिल से धन्यवाद ।

ओबीओ की प्रत्येक वर्षगाँठ पर  पटल को समर्पित एक खूबसूरत ग़ज़ल आपके दिल के क़लम से निकल ही आती है और इसमें भी एक खासियत जो मैं देख रहा हूँ. ग्यारहवीं वर्षगाँठ पर ग्यारह अशआर वाली ग़ज़ल तो बारहवीं वर्षगाँठ पर बारह अशआर की ग़ज़ल. यकीनन अगले वर्ष यहाँ १३ अशआर की एक खूबसूरत ग़ज़ल होगी//

आपने दुरुस्त कहा,जब से मैं ओबीओ से जुड़ा हूँ उस दिन से आज तक ये सिलसिला जारी है, और इंशा अल्लाह जारी रहेगा ।

सराहना के लिए पुनः आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 3:50pm

जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 30, 2022 at 3:49pm

जनाब बृजेश कुमार जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

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