For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Manan Kumar singh's Blog – August 2018 Archive (3)

गजल(उजाले..लुभाने लगे हैं)

122 122 122 122

उजाले हमें फिर लुभाने लगे हैं

नया गीत हम आज गाने लगे हैं।1

बढ़े जो अँधेरे, सताने लगे हैं

गये वक्त फिर याद आने लगे हैं।2

कदम से कदम हम मिलाके चले थे

पहुँचने में क्यूँ फिर जमाने लगे हैं? 3

लुटे जालिमों से,यहाँ भी ठगे हम

लुटेरे मसीहा कहाने लगे हैं।4

अदाओं ने मारा बहाने बनाकर,

बसे जो ज़िगर खूं बहाने लगे हैं।5

"मौलिक व अप्रकाशित"

Added by Manan Kumar singh on August 14, 2018 at 7:13pm — 11 Comments

गजल(जब सँभलना...)

2122 2122 212
जब सँभलना आदमी को आ रहा
घुट्टियों का खेल खेला जा रहा।1

पाँव भारी हो गए हैं शब्द के
अर्थ क्या से क्या निकाला जा रहा।2

क्या कुलाँचे भर सकेगा अब शशक
घाव घुटनों में मुआ चिपका रहा।3

थम गई थीं आँधियाँ दुर्द्वंद्व की
कौन जहरीली हवा भड़का रहा?4

चैन से नीरो बजाता बंसियाँ
धुन वही हर शख्स फिर-फिर गा रहा।5
"मौलिक व अप्रकाशित"

Added by Manan Kumar singh on August 5, 2018 at 8:03pm — 3 Comments

जब सँभलना.....(गजल)

2122   2122  212

जब सँभलना आदमी को आ रहा

घुट्टियों का खेल खेला जा रहा।1



पाँव भारी हो गए हैं शब्द के

अर्थ क्या से क्या निकाला जा रहा।2



पोथियाँ जज़्बात से घायल हुईं

जो नहीं समझा वही समझा रहा।3



क्या कुलाँचे भर सकेगा अब शशक

घुन मुआफ़िक पाँव कोई खा रहा।4



थम गई थीं आँधियाँ दुर्द्वंद्व की

कौन जहरीली हवा भड़का रहा?5



चैन से नीरो बजाता बाँसुरी

धुन वही हर शख्स फिर-फिर गा रहा।6



कोयलों की बस्तियाँ अब मौन… Continue

Added by Manan Kumar singh on August 5, 2018 at 7:30pm — 8 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service