For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिंदी की हकीकत(लघु कथा)

हिंदी की हकीकत
*****
विभाग(संस्था) में राजभाषा के कार्यान्वयन की समीक्षा का कार्यक्रम चल रहा था। बुलाया तो सभी अधीनस्थ विभागों के आला अधिकारियों को गया था।पर कुछ विभागों से जरा उच्च पदस्थ अधिकारियों को छोड़ दिया जाय,तो शेष विभागों से कुछ कम वरीय अधिकारी ही उपस्थित हुए थे।किसी विभाग का कार्यकलाप पूर्व में रिपोर्ट किये गए स्तर से बेहतर था,तो किसीका ले देकर यथावत।यथोचित टिप्पणियाँ प्रेषित की जा रही थीं।राजभाषा में किये गए अच्छे कार्यों की सराहना के शब्द उच्चरित हो रहे थे।यथाक्रम एक विभाग की बारी आई।उस विभाग के थोड़े उच्च अधिकारी तशरीफ़ लाये हुए थे।कार्यकलाप जरा पिछड़ा-सा पाया गया।कारपोरेट अधिकारी,जो सभा की अध्यक्षता कर रहे थे,ने उक्त अधिकारी से बात शुरू की।वही उस विभाग में राजभाषा की दयनीय दशा का कारण जानने के लिए।
-कुछ खास कारण है क्या?
-नो सर,नॉट ऐट ऑल', उस विभाग के अधिकारी ने जबाब ठोका।वे शायद गैर हिंदी भाषी प्रदेश से थे।
-वेल,वी विल अचीव.....',कारपोरेट अधिकारी बोले।
-या सर,व्हाई नॉट?' एक अन्य विभाग का स्वर गूँजा।वे हिंदी भाषी क्षेत्र के लग रहे थे।उन्होंने कोशिश कर अंग्रेजी में सुर मिलाया था।
-वेल,मुझे जरा दूसरी मीटिंग में जाना है।वेल विशेश!'कारपोरेट अधिकारी चलने लगे।उपस्थित लोगों ने उठकर उनका अभिवादन किया।फिर थोड़ी देर बाद धन्यवाद ज्ञापन के साथ सभा संपन्न घोषित हुई।हिंदी खुद को तलाश रही थी।
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on September 14, 2017 at 6:26pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय समर जी।तो फिर राजभाषा क्या है?
Comment by Samar kabeer on September 14, 2017 at 6:09pm
जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,हिन्दी दिवस पर,हिन्दी की दशा दिखाने का अच्छा प्रयास किया है आपने,लेकिन आप जो कहना चाहते हैं उसमें कुछ और कसावट होना थी,ख़ैर इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
एक बात ये कि हिन्दी भाषा को भारत में सरकारी तौर पर राजभाषा तस्लीम नहीं किया गया है ।
Comment by Manan Kumar singh on September 14, 2017 at 5:50pm
आदरणीय अफरोज जी,आपका बहुत बहुत शुक्रिया!
Comment by Manan Kumar singh on September 14, 2017 at 5:49pm
आदरणीया कल्पना जी,सादर आभार!
Comment by Manan Kumar singh on September 14, 2017 at 5:48pm
बहुत बहुत आभारी हूँ ,मिश्र जी।
Comment by Afroz 'sahr' on September 14, 2017 at 4:31pm
आदरणीय मनन जी दिल को छू गई आपकी लघु कथा!नि:संदेह आपका लिखना सार्थक हुआ!मेंरी और से हार्दिक बधाई!
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 14, 2017 at 4:09pm

हिंदी खुद को तलाश रही थी | आदरणीय सटीक बात कही है , हार्दिक बधाई आपको इस लघुकथा के लिए |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service