For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ram shiromani pathak's Blog – August 2013 Archive (3)

कब तलक (नज़्म)

कब तलक लोगों को लूटते जाओगे ,

वो दिन कब आएगा जब पछताओगे !

जिनकी दुआओं से राजा बन बैठे हो ,

उनकी ही नज़र से एक दिन गिर जाओगे !

मंदिर मज़्जिद के नाम पे खूब लूटा ,

एक दिन वहां भी दरवाज़ा बंद पाओगे !

रूह भी छोड़ देगी इस गंदे जिस्म को ,

फिर इस जिस्म को लेकर कहाँ जाओगे!

सिकंदर भी ना ले जा पाया जहाँ से 

खाली हाँथ आये थे खाली हाँथ जाओगे !!

राम शिरोमणि पाठक"दीपक "

मौलिक व्…

Continue

Added by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 5:03pm — 10 Comments

"रक्षाबंधन"

पावन पर्व
पवित्र धागे संग
प्रेम से भरा

भाई बहन
बाटें प्यार ही प्यार
रक्षाबंधन

रेशमी डोर
भाई की कलाई में
गुँथा है प्यार

कच्चे धागों में
झोली भर खुशियाँ
नेह बौछार

पवित्र रिश्ता
पावन गंगा जल
कभी न टूटे

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"

मौलिक व् अप्रकाशित

Added by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 1:01pm — 19 Comments

आकर्षण

अधरों का कम्पन
पुष्प से कोमल कपोल
मनमोहक मादक अदा
मद मस्त अगड़ाई
गीले बालों का झरना
तिरछी मदभरी पलके
केश रूपी लतिका की
ओट से निहारना
हाय !उनका अनछुआ स्पर्श

अंग अंग से टपकती कामुकता
प्रेम की बहती शीतल बयार
नसों का रुधिर वेग बेकाबू
आलिंगन को मै बेकल 
वातावरण जैसे 
अदभुत जादुई ग्रह हो
पुर्णतः पाषाण शिला सा मैंने
निःशब्द  प्रेम का आह्वान किया

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक /अप्रकाशित

Added by ram shiromani pathak on August 6, 2013 at 7:00pm — 10 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service