For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दो शब्द (राम शिरोमणि पाठक)

१-सहनशीलता

उत्पीडन की क्रीडा से उत्पन्न श्रान्ति से
पिंग बने टहल रहे
अकारण ही रंज रुपी हरिका खे रहे
मोषक को पोषक कहते
वाह!सहनशीलता की पराकाष्ठा
शायद!
खुद को काकोदर के मुख में फसा
मंडूक मान बैठे है

२-लिखता रहा

हृदयतल के तड़ाग से
अनकहे शब्द
अकुलाहट के साथ
बुलबुले बन
निकलते रहे निकलते रहे
पीड़ा है क्या ? नहीं तो
प्रेम है
विरह है
पता नहीं
फिर भी मै
निरंतर लिखता रहा लिखता रहा

३-स्वप्न

उनके होने का आभाष  
मुझपे जादू सा करे
धीरे धीरे धीरे धीरे
मेरे हृदयाकाश  पे
प्रेम रुपी मेघों का आवरण
मै रात्रि मोह से ग्रसित
मधुर स्वप्नों में खो गया


राम शिरोमणि पाठक"दीपक"

मौलिक/अप्रकाशित 

Views: 698

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 2:33pm

आदरणीय विजय  निकोर जी बहुत बहुत आभार //सादर 

Comment by vijay nikore on August 20, 2013 at 2:28pm

//हृदयतल के तड़ाग से
अनकहे शब्द
अकुलाहट के साथ
बुलबुले बन
निकलते रहे निकलते रहे
पीड़ा है क्या ? नहीं तो
प्रेम है
विरह है
पता नहीं
फिर भी मै
निरंतर लिखता रहा लिखता रहा//

जुलाई में सफ़र के कारण काफ़ी समय ओ.ब.ओ. से दूर होने के नाते यह

रचना अभी पढ़ी। अच्छी लिखी है, आदरणीय राम जी। बधाई।

सादर,

विजय निकोर

Comment by ram shiromani pathak on August 4, 2013 at 1:56pm

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मन जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 4, 2013 at 1:56pm

आभास को आभाष जानबूझ कर किया है आपने या यह अशुद्धि है ?/////////टंकण अशुद्धि है आदरणीय

शब्दकोश कब लिया ? ////// नियमित शब्दकोष याद कर रहा हूँ  साथ साथ उनका प्रयोग भी ///

आशा है आपका अमूल्य सुझाव मिलता रहगे //हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी  //सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 2, 2013 at 3:35pm

अपने अंतर्मन में उठते सुन्दर भावों की प्रस्तुति के लिए बधाई श्री राम शिरोमणि पाठक जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 2, 2013 at 3:23pm

प्रयासरत हैं आप यह आपकी संभावनाओं के प्रति आशा बलवती रखता है.

यों, शब्दकोश कब लिया ?  शब्दों के साथ उनकी डिग्री पर भी ध्यान दीजियेगा.

आभास को आभाष जानबूझ कर किया है आपने या यह अशुद्धि है ?

शुभ-शुभ

Comment by ram shiromani pathak on July 30, 2013 at 10:32pm

hardik aabhar bhai rajesh kumaar jha ji//saadar

Comment by राजेश 'मृदु' on July 30, 2013 at 2:45pm

सुंदर, बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति बंधुवर

Comment by ram shiromani pathak on July 30, 2013 at 1:55pm

hardik aabhar aarneey bhai arun sharma ji///saadar

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 30, 2013 at 11:55am

वाह अनुज अतुकांत पर बहुत ही सुन्दर प्रयास हुआ है दिल खुश हुआ हार्दिक बधाई स्वीकारें सही शब्द आभास होता है न कि आभाष.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service