For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ASHISH KUMAAR TRIVEDI's Blog (9)

फ़ोकट का तमाशा {लघु कथा}

आज फिर कामिनी बाहर गली में आकर चिल्ला रही थी 'कोई भी नही बचेगा, सब को सजा मिलेगी. कानून किसी को नही छोड़ेगा.' सभी अपने अपने घरों से झांक रहे थे. उसका भाई इंदर उसे समझा बुझा कर भीतर ले जाने का प्रयास कर रहा था.

अपनी बहन की इस दशा से वह बहुत दुखी था. बड़ी मुश्किल से समझा बुझा कर वह उसे भीतर ले गया. कुछ देर तक अपने अपने घरों से बाहर झांकने के बाद सब भीतर चले गए.

कभी कामिनी भी एक सामान्य लड़की थी. एक कंपनी में नौकरी करती थी. कुछ ही समय में विवाह होने वाला था. अपने आने वाले भविष्य…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on August 8, 2016 at 10:30am — 4 Comments

पारिवारिक सौहार्द

मानव समाज में पारिवारिक इकाई के अंतर्गत बच्चे युवा एवं बुजुर्ग तीन पीढ़ियों के लोग आते हैं। इन तीनों पीढ़ियों में आयु के अंतर के कारण सोंच में भी अंतर होता है। अक्सर सोंच  का यह अंतर आपसी टकराव का कारण बन जाता है।

सोंच में अंतर स्वाभाविक है। हर समय का…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on May 5, 2013 at 11:00am — 11 Comments

पंचतंत्र की रोचक कहानियां और बच्चें

वर्तमान समय में हमारे बच्चों को मनोरंजन के अनेक साधन उपलब्ध हैं। इनमे सबसे प्रमुख है टी . वी . जिस पर प्रसारित होने वाले कार्टून बच्चों को बेहद पसंद आते हैं। पर बच्चे इनसे क्या सीखते हैं यह सोंच का विषय है।

कई कार्टून चरित्र जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं जैसे स्पाइडरमैन, बैटमैन, बेन टेन इत्यादि। बच्चे इन चरित्रों से बहुत…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 25, 2013 at 11:30am — 7 Comments

तत् त्वम् असि

हम हैं कौन, हमारी वास्तविक पहचान क्या है, क्या हम महज हाड़ मांस से बने शरीर मात्र हैं या इससे भी अलग हमारी कोई पहचान है।

ये प्रश्न सृष्टि के…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 21, 2013 at 11:30am — 8 Comments

जीवन जीने के लिए है

हमारे प्रथम रुदन से लेकर अंतिम श्वाश तक जीवन अनुभवों का एक सिलसिला है। सम्पूर्ण जीवन काल में हम प्रेम और घृणा, मान और अपमानं, ख़ुशी और गम आदि द्वंदों के बीच में झूलते रहते है। एक रोलर कोस्टर की भांति इसके उतार चढ़ाव हमें आकर्षित करते हैं।

"जीवन साईकिल की सवारी की भांति है। संतुलन बनाये रखने के लिए आगे बढ़ते रहना आवश्यक…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 14, 2013 at 4:00pm — 10 Comments

हार न मानें लड़ें

जीवन में सभी के साथ कोई न कोई कठिनाई होती है। कठिनाईयां तो जीवन का एक हिस्सा हैं। उनसे हार नहीं मानना चाहिए। कठिनाईयों से लड़कर ही उनसे पार पाया जा सकता है न कि उनके सामने घुटने टेक कर। धैर्य, हिम्मत एवं थोड़ी सी सूझ बूझ से मुश्किलों का हराया जा सकता है। किन्तु अक्सर हम समस्याओं से इतने भयभीत हो जाते हैं कि अपना धैर्य खो बैठते हैं। समस्याओं के प्रति हमारा नकारात्मक रवैया हमें अधिक तकलीफ पहुंचाता है।

इसके लिए आवश्यक है कि हम…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 7, 2013 at 7:30pm — 9 Comments

रिश्ते बहुमूल्य निधि

सामाजिक प्राणी होने के नाते हम सभी रिश्तों से घिरे रहते हैं। रिश्ते सामाजिक व्यवस्था का मूल आधार होते हैं। रिश्ते हमें आपस में बांधे रहते हैं। हमारे रिश्ते जितने मज़बूत होते हैं सामजिक ढांचा उतना ही मज़बूत बनता है।

प्रेम संबंधों को सबल बनाता है। स्वस्थ संबंधों के लिए आवश्यक है की हमारे बीच एक दूसरे के लिए आदर तथा आपसी समझबूझ हो। एक दूसरे के हित लिए अपने निजी स्वार्थों का त्याग रिश्तों को दीर्घायु बनाता है। रिश्ते हमें बहुत कुछ…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 2, 2013 at 8:00pm — 9 Comments

आत्म साक्षात्कार

       इस सृष्टि के प्रारम्भ से ही मानव ह्रदय में अपने अस्तित्व को लेकर अनेक प्रश्न उठते रहे हैं। 'मैं कौन हूँ' 'इस धरती पर मेरे आगमन का क्या औचित्य है' ' वह कौन है जो इस सम्पूर्ण सृष्टि को नियंत्रित करता है'…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on March 11, 2013 at 8:30pm — 4 Comments

जीवन धारा

जब मि . गुप्ता ने कैफे में प्रवेश किया तब मि . खान और मसंद का ठहाका उनके कानों में पड़ा। उन्हें देखकर मि .खान बोले " आओ भाई सुभाष आज देर कर दी।" मि . गुप्ता ने बैठते हुए कहा " अभी तक रघु नहीं आया, वो तो हमेशा सबसे पहले आ जाता है।" मि . मसंद बोले " हाँ हर बार सबसे पहले आता है और हमें देर से आने के लिए आँखें दिखाता है, आज आने दो उसे सब मिलकर उसकी क्लास लेंगे।" एक और संयुक्त ठहाका कैफे में गूंज उठा।

तीनों मित्र मि . मेहता का…

Continue

Added by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on March 9, 2013 at 12:46pm — 3 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
11 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
18 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
19 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
25 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
39 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
45 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
46 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
55 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service