For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हार न मानें लड़ें

जीवन में सभी के साथ कोई न कोई कठिनाई होती है। कठिनाईयां तो जीवन का एक हिस्सा हैं। उनसे हार नहीं मानना चाहिए। कठिनाईयों से लड़कर ही उनसे पार पाया जा सकता है न कि उनके सामने घुटने टेक कर। धैर्य, हिम्मत एवं थोड़ी सी सूझ बूझ से मुश्किलों का हराया जा सकता है। किन्तु अक्सर हम समस्याओं से इतने भयभीत हो जाते हैं कि अपना धैर्य खो बैठते हैं। समस्याओं के प्रति हमारा नकारात्मक रवैया हमें अधिक तकलीफ पहुंचाता है।

इसके लिए आवश्यक है कि हम अपने भीतर सकारात्मक सोंच का विकास करें। सकारात्मक सोंच हमें बड़ी से बड़ी समस्या से लड़ने की प्रेरणा देती है। आवश्यकता है की हम समस्याओं से हार न मानकर उनसे लड़ने का इरादा बनाएं।

जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण हमारे जीवन में एक अहम् भूमिका निभाता है। सकारात्मक सोंच रखने वाला व्यक्ति सदैव स्तिथि के उजले पक्ष को देखता है। वह सदैव इस बात पर यकीन करता है कि समस्या के समाधान का कोई न कोई मार्ग ढूंढा जा सकता है। जबकि नकारात्मक सोंच वाला व्यक्ति समस्यायों से डर कर उनसे पीछा छुड़ाने का प्रयास करता है। हमारे पास दो विकल्प हैं या तो अपने दुखों का रोना रोयें या फिर समस्या का सामना करें। दूसरा विकल्प हमें आगे ले जाता है।

हमारे भीतर वह शक्ति है की हम अपनी कमज़ोरी को अपनी ताक़त बना सकें।

अगाथा क्रिस्टी, अल्बर्ट आइन्स्टीन, बीटओवन इन सब में एक वास्तु समान है। यह सभी समस्या से ग्रसित थे किन्तु इन्होंने समस्या से हार मानने की बजाय उसका सामना किया और अपनी कमजोरी कर काबू पाकर उसे अपनी ताक़त बना लिया। बधिर होने के बावजूद बीतओवन ने कर्णप्रिय धुनों की रचना की, अगथा क्रिस्टी जो की डिसलेक्सिया से पीड़ित थी, को लिखने पढ़ने में मुश्किल थी किन्तु अपनी सकारात्मक सोंच के कारण वह बजाय हार मानने के उसने अपनी समस्या को हरा कर एक प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार के रूप में अपनी पहचान बनाई। प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टीन को स्मरणशक्ति से सम्बंधित समस्या थी किन्तु वे नोबेल पुरष्कार के विजेता बने।

इन सब के जीवन से हमें एक ही प्रेरणा मिलती है कि हम प्रयत्न करें तो अपनी कमजोरियों से ऊपर उठ सकते हैं।

जब एक द्वार बंद होता है तो दूसरा खुल जाता है किन्तु हम बंद दरवाज़े को ही ताकते रहते है और दूसरे दरवाज़े को नहीं देखते हैं। जब परिस्तिथियाँ अनुकूल हों तब जीवन आसान होता है किन्तु प्रतिकूल परिस्तिथियों में ही हमारे धैर्य, विवेक एवं साहस की असल परीक्षा होती है।

कठिनाईयों से हार मान लेना आसान है किन्तु उनका सामना करने वाला ही विजय प्राप्त करता है।

Views: 492

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 21, 2016 at 8:34pm
सकारात्मक सोच के महत्व व करिश्मे पर प्रकाश डालते बेहतरीन प्रेरक आलेख के लिए तहे दिल से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आपको आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी जी।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 17, 2013 at 12:57am

सकारात्मक सोच का संप्रेषण आवश्यक है. एक सार्थक प्रयास हुआ है.

सादर

Comment by vijay nikore on April 9, 2013 at 10:58pm

आशीष जी, लेख अच्छा लगा।

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 9, 2013 at 8:58pm

आशीष जी आपके सकारात्मकता पर प्रवचनात्मक आलेख के लिए शुभकामनाएँ 

आप अपने पाठकों के साथ टिप्पणियों में संवाद भी करें व उनकी रचनाओं पर अपनी भी राय दें...  सादर.

Comment by ram shiromani pathak on April 9, 2013 at 7:51pm

 आदरणीय आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा!हार्दिक बधाई।  सादर

Comment by coontee mukerji on April 9, 2013 at 10:51am

आशीश जी आपकी प्रेरणा भरा लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा . ग्यान की वृद्धि होती है .प्रेरणा का स्रोत मिलता है . आपको बहुत बहुत

धन्यवाद.

Comment by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on April 9, 2013 at 10:24am

धन्यवाद

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 8:54am

आदरणीय आशीष कुमार त्रिवेदी  जी, सादर प्रणाम!  ’हार न मानें लड़ें’ बहुत सुन्दर बात लड़ना कोई बुरी बात नहीं है, बल्कि नकारात्मक सोच में पड़ कर स्वयं को बरबाद कर लेना घोर जघन्य अपराध होता है।  सामाजिक उत्थान के लिए आप यूं ही लिखते रहिये।  आपको हार्दिक बधाई।  सादर,

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 9, 2013 at 12:20am

हम अपने भीतर सकारात्मक सोंच का विकास करें। सकारात्मक सोंच हमें बड़ी से बड़ी समस्या से लड़ने की प्रेरणा देती है। आवश्यकता है की हम समस्याओं से हार न मानकर उनसे लड़ने का इरादा बनाएं।

प्रिय त्रिवेदी जी जिन्दगी के अनूठे रंग से परिचित कराता ये उपयोगी लेख ..अच्छा लगा ..अच्छी सीख ...

सुन्दर 
भ्रमर ५ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
31 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Feb 1
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service