आदरणीय साथिओ,
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आदरनीय गुरप्रीत जी, ऐसे दौर में मानवता की हिफाजत करना ही सब से जरूरी होता, इस मकसद में लघुकथा सफल हुई, बहुत बधाई
एक स्याह अध्याय था वह दौर और उसपर आधारित एक बढ़िया रचना लिखी है आपने, बहुत बहुत बधाई आपको
आदरणीय गुरप्रीत जी, उस दहशत के दौर को प्रदत्त विषय से जोड़ते हुए आपने एक सार्थक लघुकथा लिखी है. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर
बहुत ही बढ़िया सम्प्रेषण , उम्दा कथानक । बहुत बधाई आपको आ0 गुरमीत जी ।
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