For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खैरमक़दम हमारा हुआ तो हुआ

212 212 212 212

ख़ैरमक़दम हमारा हुआ  तो हुआ ।
वार फिर. कातिलाना हुआ तो हुआ ।।

फर्क पड़ता कहाँ अब सियासत पे है ।
रिश्वतों पर खुलासा हुआ तो हुआ ।।

ये ज़रुरी था सच की फ़ज़ा के लिए ।
झूठ पर जुल्म ढाना हुआ तो हुआ ।।

आप आये यहाँ तीरगी खो गयी ।
मेरे घर में उजाला हुआ तो हुआ ।।

हिज्र के दौर में हम सँभलते रहे ।
आपके बिन गुजारा हुआ तो हुआ ।।


मुझको मालूम था तीर तरकस में है।
आप का मैं निशाना हुआ तो हुआ ।।

फिक्र उनको नहीं दिल पे गुजरेगी क्या ।
जुल्म इक आशिकाना हुआ तो हुआ ।।

याद आईं हैं जब उसकी रानाइयाँ ।
इश्क़ पर फिर तराना हुआ तो हुआ ।।

कैसे कह दूं भला बेवफा मैं उसे ।
वक्त पर जो सहारा हुआ तो हुआ ।।

कोई परवा न कीजै ज़माने की अब ।
वस्ल का इक इशारा हुआ तो हुआ ।।

छोड़ दें कैसे हम इश्क़ की राह को ।
हुस्न पर दिल दिवाना हुआ तो हुआ ।।



डॉ नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 504

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on April 9, 2019 at 11:43am

आ0 समर कबीर साहब सादर नमन के साथ आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on April 9, 2019 at 11:41am

आ0 बृजेश कुमार ब्रज जी हार्दिक आभार 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 9, 2019 at 9:15am

बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय त्रिपाठी जी..

Comment by Samar kabeer on April 8, 2019 at 11:38am

जनाब डॉ. नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

'मुझको मालूम था तीर तरकस में है'

इस मिसरे में 'तरकस' को "तरकश" कर लें ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on April 7, 2019 at 3:50pm

आ0 तेजवीर सिंह साहब हार्दिक आभार ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on April 7, 2019 at 3:50pm

आ0 सुशील शरण साहब हार्दिक आभार। तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 6, 2019 at 7:07pm

हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि जी।बेहतरीन गज़ल।

फर्क पड़ता कहाँ अब सियासत पे है ।
रिश्वतों पर खुलासा हुआ तो हुआ ।।

Comment by Sushil Sarna on April 5, 2019 at 2:51pm

ख़ैरमक़दम हमारा हुआ तो हुआ ।
वार फिर. कातिलाना हुआ तो हुआ ।।

फर्क पड़ता कहाँ अब सियासत पे है ।
रिश्वतों पर खुलासा हुआ तो हुआ ।।

वाह जनाब वाह बहुत खूब .... सियासत के पैरहन को खूब उधेड़ा है आपने .. इस ग़ज़ल के लिए दिल से बधाई आदरणीय नवीन जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
44 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
49 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service