For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी अपनी दो ग़ज़लें....

साथियो,

सादर वंदे,

मैं संगीत की साधना में रत उसका एक छोटा सा विद्यार्थी हूँ और कला एवं संगीत को समर्पित एशिया के सबसे प्राचीन " इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ " में एसोसिएट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हूँ...मुझे भी ग़ज़लें कहने का शौक़ है...मैं " साबिर " तख़ल्लुस से लिखता हूँ... अपनी लिखी दो ग़ज़लें आप सबकी नज़र कर रहा हूँ...नवाज़िश की उम्मीद के साथ......

 

= एक =

रूह शादाब कर गया कोई.

दर्द आबाद कर गया कोई.

 

ख़ुश्क़ आखों को झलक दिखला के,

चश्मे-पुरआब कर गया कोई.

 

जाँ तलक आशनाई का आलम,

दिल को बरबाद कर गया कोई.

 

आशियाँ हमने ख़ुद जला डाला,

ऐसी फ़रियाद कर गया कोई.

 

रख के लब मेरी पेशानी पे,

मुझको नायाब कर गया कोई.

 

= दो =

दुनिया है बाज़ार सुन बाबा.

हर नज़र करे व्यापार सुन बाबा.

 

बेमानी है एहसासों की बात यहाँ,

ख़ुदग़रज़ी है प्यार सुन बाबा.

 

तेरी चादर तेरी लाज बचा पाए,

उतने पाँव पसार सुन बाबा.

 

हर एक गरेबाँ तर है लहू से, देखो तो-

ये कैसा त्यौहार सुन बाबा.

 

मस्जिद में हों राम, ख़ुदा मंदिर पाऊँ,

ऐसा मंतर मार सुन बाबा.

 

इंसानियत जो ज़ेहनों में भर दे "साबिर"

हुनर वोही दरकार सुन बाबा.

Views: 632

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 16, 2011 at 9:28pm
डॉ नमन दत्त जी, बहुत ही बेहतरीन आशार कहे हैं आपने ! दोनों ही ग़ज़लें निहायत पुरकशिश है, छोटी बहर पर आपका उबूर भी काबिल-ए-दाद है ! मुबारकबाद कबूल करें !
Comment by Veerendra Jain on May 16, 2011 at 11:37am

bahut hi umda gazale... Dr Sahab...bahut bahut badhai aapko...

Comment by डॉ. नमन दत्त on May 15, 2011 at 10:26pm
आप सभी का शुक्रिया...उम्मीद करता हूँ कि ऐसी ही मेहरबानी आगे भी बनाए रखेंगे...
Comment by bodhisatva kastooriya on May 15, 2011 at 10:11pm
sunder evm prabhavshaalee rachhnaao  ke badhaaee

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 15, 2011 at 9:52pm

//आशियाँ हमने ख़ुद जला डाला,

ऐसी फ़रियाद कर गया कोई//

वाह वाह वाह, बहुत खूब फ़रियाद में ऐसा असर , बेहतरीन ख्यालात,

 

//मस्जिद में हों राम, ख़ुदा मंदिर पाऊँ,

ऐसा मंतर मार सुन बाबा//

 

आय हाय , बुलंद सोच की परिणति है यह शे'र , बहुत ही सुंदर ,

 

दोनों गज़ले दोनों आँखों की तरह है , यानी प्यारी प्यारी , दाद कुबूल करे दत्त साहिब |

 

Comment by आशीष यादव on May 15, 2011 at 4:45pm
mujhe ghazal ki koi samajh nahi lekin bhaw samajh me aata hai. dono ghazale mujhe bahut achchhi lahi.
Comment by Saahil on May 14, 2011 at 11:34pm

जाँ तलक आशनाई का आलम,

दिल को बरबाद कर गया कोई.

 

मस्जिद में हों राम, ख़ुदा मंदिर पाऊँ,

ऐसा मंतर मार सुन बाबा.

 

खूबसूरत अशआरों से सजी हैं आपकी दोनों ग़ज़ल....

 

Comment by Rash Bihari Ravi on May 14, 2011 at 4:21pm
khubsurat lajabab
Comment by डॉ. नमन दत्त on May 14, 2011 at 4:08pm

आप तमाम सुख़नशनास हाज़रीन ने मेरी हिम्मतअफज़ाई की, इसके लिए मैं बेहद शुक्रगुज़ार हूँ...

ये मेरी ख़ुशनसीबी है कि आप सबने मुझ नाचीज़ के कलाम को तवज्जो दी....

मैं इसके लिए दिल से इन्तेहाई तौर पर मशकूर हूँ...

शुक्रिया...सदशुक्रिया....

Comment by Abhinav Arun on May 14, 2011 at 1:44pm

waah bahut khoob -

रूह शादाब कर गया कोई.

दर्द आबाद कर गया कोई.

laajwaab ghazlen badhaae swweekar karen |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
5 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service