For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बचपन (लघुकथा)~शीतांशु

1 ||बचपन||

मैं मध्य अवकाश के बाद हमेशा स्कूल से छूमंतर हो जाता । दीदी, अक्सर बैग उठाकर लाती । और घर पर मुँह बंद रखने के बदले मुझसे चॉकलेट जरूर लेती थी। किन्तु मैं बेफिक्र होकर कभी फूलों के लिए 'चम्पा की बॉडी', बेर के लिए नरसिंग टेकड़ी, तो कभी पिकनिक मनाने 'भेडलेश्वर-बड़दख्खन' के बाग में , नदी किनारे चले जाते था। और ठीक स्कूल छूट्टी के समय पर घर लौट आने का क्रम चलता रहा। मैडम की शिकायत भी दीदी संभाल लेती। दोस्तों के साथ नीम, इमली,आम के कई नन्हें पौधें गोबर के ढ़ेर व रुखड़े पर से निकाल कर स्कूल के पीछे वाली खाली जगह पर बो देते। स्कूल में मन नहीँ लगता । आज तितली के पीछे भागते- भागते गिर गया। कलाई पर हल्की मोच आई, घड़ी भी गुम हो गई, पर तितली को पकड़ लिया था। उसके रंग बिरंगे पंख मन को सुकून दे रहे थे। आखिर उसकी मेरी पसंद भी तो एक ही है। फूल व प्रकृति ! उसे पाकर मैं समय व चोट का दर्द भी भूल गया।
तितली को माचिस की डिब्बी में रख लिया। सोच रहा था 'आज दीदी को ये प्यारी सी गिफ्ट दूँगा। बहुत खुश होगी।'
जब मैं समय पर न आया, तो दीदी काफ़ी देर इंतजार कर घर चली गई।
माँ चिंतित । 'सन्जू जाने कहाँ गया भटक रहा होगा?'
''चल छोरी देखकर आते है। "
'माँ वो है भैया, बगीचे में!'
माँ ने दौड़ कर गले लगा लिया माँ, घर ले जाती उससे पहले मैडम ने पापा के सामने मेरा पूरा कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया। पापा आग बबूला हो गए।
"कहाँ घूमते रहता है??" 'आज पूरे परिवार की नाक कटवा दी। अपनी दीदी से कुछ सीख ले।'
'वोs s मैं s s दीइ इ के लिए ....'और ये हाथ में क्या छिपा रखा है..? (झपटते हुए) ""छोड़ ऐ तितली के चक्कर इतना बड़ा हो गया।"
'आठवी बोर्ड है! पढ़ाई कर पढाई!' 'अभी बचपन न गया।' 'तेरी माँ ने सर पर बैठा रखा है।'
'फेल हुआ तो सीधे बोर्डिग स्कूल में डाल दूँगा।'
मेरे हाथ से तितली वाली डिब्बी लेकर , हाथों में जीवन सवांरने की पुस्तक थमा दी।
'पापा ने तितली को आजाद कर दिया, और मेरा बचपन उस दिन से अतीत में कैद कर दिया।"

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 592

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 9, 2016 at 1:17am

आदरणीय विजय जी, इस बेहतरीन प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई निवेदित है. सादर 

Comment by pratibha pande on February 8, 2016 at 10:18pm

बचपन खोजती सुन्दर कथा ,हार्दिक बधाई आदरणीय विजय जी 

Comment by Nita Kasar on February 8, 2016 at 3:07pm
भविष्य सँवारने के फेर में कुछ माता पिता बच्चों से उनका बचपन छीन लेते है ।बच्चे तो नटखट शैतान होते है उन्है बचपन जीने का अवसर मिलना चाहिये बेहद सार्थक कथा के लिये बधाई आद०विजय जोशी जी ।
Comment by Rahila on February 7, 2016 at 7:50pm
आपकी इस लघुकथा ने मुझे मेरा बचपन याद दिला दिया जब मैं भी अपने छोटे भाई के साथ कुछ इसी तरह की शरारतों में मस्त थी।लेकिन ये बात मेरे वालिदैन को आज भी पता नहीं है । बहुत बधाई आदरणीय सर जी आपको । सादर प्रणाम
Comment by Samar kabeer on February 7, 2016 at 5:32pm
जनाब विजय जोशी जी आदाब,इस शानदार प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें !
Comment by TEJ VEER SINGH on February 7, 2016 at 12:01pm

हार्दिक बधाई आदरणीय विजय जोशी जी!बहुत ही मार्मिक लघुकथा !बेहतरीन प्रस्तुति!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
52 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service