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"थोपी क्षमा" - [लघु कथा - 17]

"थोपी क्षमा" - (लघु कथा)

कक्षा में पीछे बैठे हुए मित्र को मोबाइल पर चित्र दिखा रहे छात्र को शिक्षक ने रंगे हाथों पकड़ लिया। छात्र ने फुर्ती से मोबाइल दूसरे मित्र तक पहुँचा दिया और पूरी कक्षा के सामने शिक्षक को झूठा-शक्की करार दे दिया। दो थप्पड़ मार कर शिक्षक ने उससे सच बोलने को और 'क्षमा' माँगने को कहा, किन्तु छात्र ने शिक्षक का हाथ सख्ती से पकड़ लिया। शिक्षक उसे खींचता हुआ कक्षा से बाहर 'प्राचार्य-कक्ष' की ओर ले जाने लगा।

"तुम क्या ले जाओगे मुझे, मैं लिये चलता हूँ तुम्हें प्रिंसिपल के पास !" धमकाते हुये छात्र शिक्षक को खींचते हुये ऑफिस की तरफ़ ले गया । प्राचार्य कक्ष में हाथ मोड़कर कराहते हुये छात्र ने और फिर हैरान शिक्षक ने अपनी अपनी बात रखी। छात्र के हाथ में तकलीफ के मद्देनजर शिक्षक को अधिक दोषी माना गया।

"देखिए वर्मा जी, संस्था में किसी छात्र पर हाथ उठाना या मारपीट करना सख़्त मना है, आप तय कर लें कि संस्था में नियमानुसार काम करना है या नहीं।" प्राचार्य की यह चेतावनी आज के "शिक्षा व्यवसाय" को परिभाषित कर रही थी ।

"क्षमा कीजिएगा, ग़लती हो गई, आईन्दा कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा।" यह कहते हुए 'व्यवहारिकता' को परिभाषित कर आर्थिक तंगी झेल रहा शिक्षक अपने 'मूल्य' से वाक़िफ़ हो गया।

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 17, 2015 at 11:48am
आदरणीया राजेश कुमारी जी और आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी, मेरी रचनाओं पर सतत् उपस्थिति देकर समीक्षा टिप्पणी करने व प्रोत्साहन देने के लिए तहे दिल बहुत बहुत धन्यवाद आपको।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 17, 2015 at 10:57am

आज की शिक्षा प्रणाली पर जोरदार तंज ...एक वक़्त था जरा सी गलती पर टीचर के डंडे पड़ते थे मुर्गा बनाए जाते थे डर से बच्ची भी अनुशासन में रहकर पढ़ाई करते थे ..आज की तो बस मत पूछिए ...स्कूल  कालेजों में टीचरों के हाथ बाँध दिए गए हैं |मानव अधिकार का ऐसा दुरूपयोग यहीं देखने को मिलता है |अच्छी लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई आपको आ० शेख़ उस्मानी जी 

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 14, 2015 at 7:26pm
हालात- ए- तालीम पर कहानी के लिए बधाई , आदरणीय शेख सहजाद उस्मानी जी।
पढ़ - लिख कर एक ही बात समझ में आती है कि तालीम के हालात तो ये हैं कि उन पर बात न ही की जाए तो ही अच्छा है।
एक हम ही तो हैं दुनिया में जो यह सिद्ध करते रहते हैं कि दुनियाँ में किसी भी सफलता के लिए शिक्षा बिलकुल जरूरी नहीं है। कोई शक ?
सादर।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 14, 2015 at 12:57pm
हार्दिक धन्यवाद आदरणीय Tej Veer Singh जी रचना पर सकारात्मक टिप्पणी करने हेतु।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 14, 2015 at 12:10pm

बधाई शेख उस्मानी  जी!आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर कठोर प्रहार!

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