For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौत ने काटी फसल और जिंदगी बोती रही

रात में फुटपाथ पर इक बेबसी रोती रही,
लोग तो जागे मगर संवेदना सोती रही,

शाम होते ही जमीं पर तीरगी छाने लगी,
आसमानों में सुबह तक रोशनी होती रही,

याद की चादर वो अपने आंसुओं की धार से,
दर्द की कालिख मिटाने के लिए धोती रही,

किसलिए इतनी मशक्कत, जब उसे पीना नहीं
शहद मधुमक्खी न जाने किसलिए ढोती रही

ऐ खुदा तेरी खुदाई का सबब ये भी मिला,
मौत ने काटी फसल और जिंदगी बोती रही।।

.

(अतुल)
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 954

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 28, 2015 at 10:29am

आपकी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी शानदार मतला हुआ है एनी शेर भी प्रभाव शाली हैं ,एक दो बात कहना चाहूंगी ....

शाम होते ही जमीं पर तीरगी छाने लगी,
आसमानों में सुबह तक रोशनी होती रही,-----यहाँ आसमानों बहु वचन में लिया गया है जो ठीक नहीं है ,इसको कुछ इस तरह भी कह सकते हो ...आसमा में अल/फिर ...या जो आप ठीक समझे ...वैसे ग़ज़ल में सही शब्द सुब्ह होता है  अर्थात २१ ,फिर भी शायर सुबह भी लिख देते हैं  

शहद मधुमक्खी न जाने किसलिए ढोती रही----ये शेर बहुत आला दर्जे का है ,किन्तु शहद १२ होगा आपने इसे २१ में बाँधा  है 

ये कुछ महीन त्रुटी दुरुस्त करलें ग़ज़ल और निखर उठेगी 

आपको इस शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत- बहुत बधाई 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 28, 2015 at 7:06am

aadarneeey atul jee behtareen ghazal 

किसलिए इतनी मशक्कत, जब उसे पीना नहीं
शहद मधुमक्खी न जाने किसलिए ढोती रही yah sher to kamaal ka hai madhumakkhee to bilkul bhee upyog nahee kartee par shayad ye uske navjaaton ke liye hota hai 

याद की चादर वो अपने आंसुओं की धार से,
दर्द की कालिख मिटाने के लिए धोती रही,...yah sher bhee umda hai ..meri taraf se dher saaree badhaaayee sweekar karein saadar 

Comment by ajay sharma on January 27, 2015 at 10:06pm

किसलिए इतनी मशक्कत, जब उसे पीना नहीं
शहद मधुमक्खी न जाने किसलिए ढोती रही.......................nihayat hi khoobsoorat priyog kiya hai apne .....

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 6:28pm

आदरणीय खुर्शीद खैरादी भाई जी, स्नेह बनाए रखें। बहुत—बहुत आभार आपका। सादर

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 6:27pm

आदरणीय लक्ष्मन धामी भाई, आपकी प्रतिक्रिया से उत्साह और खुशी हुई। स्नेह बनाए रखें। सादर

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 6:25pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी सर, अबोध प्रयास को अशीषने के लिए आभार। सादर—अतुल

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 6:24pm

आदरणीय राहुल दांगी भाई जी, बहुत—बहुत आभार आपका। सादर— अतुल

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 6:23pm

आदरणीय सुनीता जी, उत्साह बढाने के लिए शुक्रिया, आभार। सादर

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 5:28pm

आदरणीय मिथिलेश बामनकर भाई, आपके सुझाव और आदेश शिरोधार्य। मैंने पूरी गजल इस मंच पर ही पोस्ट की है, हां! मेरे ब्लाग पर मैंने मतला के साथ असंपादित दो शेर जरूर डाले थे। वाकी के शेर आज जब पूरे कर पाया तो सोचा कि आप सबसे चेक करा लूं। स्नेह सहित अशीषने के लिए आभार, शुक्रिया। सादर—

Comment by atul kushwah on January 27, 2015 at 5:21pm

आदरणीय ​हरि प्रकाश दुबे सर, स्नेह के लिए शुक्रिया आभार। सादर—

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
8 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service