For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रविदास जयन्ती पर दोहे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'


माघ पूर्णिमा  जन्म  ले, कहलाए रविदास
जीवन जीकर आम का, बातें की हैं खास।१।
*
देते जीवन भर रहे, नित्य सीख अनमोल
सबके हितकारक रहे, सच है उनके बोल।२।
*
रहो प्रेम से कह गये, जातिवाद को त्याग
जिसमें जले समाज ये, यह तो ऐसी आग।३।
*
दिया नित्य रविदास ने, केवल इतना ज्ञान
छोड़ो पद या जाति को, करो गुणों का मान४।।
*
निर्मल मन भागीरथी, करता कह निष्पाप
जनसाधारण जन्म ले, आप हो गये आप।५।
*
रहे न लालच द्वेष जब, मिटे बैर का भाव
ऐसे पावन  मन  सदा, कहा  ईश ठहराव।६।
*
यदि हैं कर्म महान तो, जीवन बने महान
कहते हैं रैदास यह, जाति न कीजे ध्यान।७।
*
भक्तिकाल के संत की, पीड़ा रही अथाह

वाणी में उन के तभी, जीने  की नव राह।८।
*
रैदास  हर  कुरीति पर, करें  कुठाराघात
चाहा मिटे समाज से, ऊँच नीच की बात।९।
*
पावन मन गंगा  कहें, बसे कठौती आन
इस कारण गुरुग्रंथ में, पद पाते हैं स्थान।१०।
*
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 444

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 21, 2022 at 9:36pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति, स्नेह एवं उत्साहलर्धन के लिए आभार।

Comment by Samar kabeer on February 21, 2022 at 8:37pm

जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 20, 2022 at 8:28pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Sushil Sarna on February 19, 2022 at 2:23pm
वाह आदरणीय बहुत सुंदर और सार्थक दोहावली सर । हार्दिक बधाई सर
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 17, 2022 at 7:29am

आ. भाई मयंक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Mayank Kumar Dwivedi on February 16, 2022 at 3:09pm

अनुपम सृजन आदरणीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service