आदरणीय काव्य-रसिको !
सादर अभिवादन !!
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ बाइसवाँ आयोजन है.
इस बार का छंद है - गीतिका छंद
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –
19 जून 2021 दिन शनिवार से 20 जून 2021 दिन रविवार तक
हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.
गीतिका छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें
चित्र अंतर्जाल से
जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
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आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो
19 जून 2021 दिन शनिवार से 20 जून 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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स्वागतम !
सादर नमस्कार आदरणीय सौरभ जी
आ. प्रतिभा बहन प्रदत्त चित्रानुरूप उत्तम छन्दों की रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
इस प्रोत्साहन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण भाई
चित्र को उपयुक्त शब्दों से निखारा आपने
शब्द में मतलब पिरोया फिर सँवारा आपने
कर सतत अभ्यास, रचना-कर्म करती हैं मुुखर
धन्य प्रतिभाजी, तभी यह मंच पाता छंद-स्वर
बधाइयाँ !!
जायगा, आयगा जैसे शब्द तिर्यक समर्थन ही पा सकते हैं.
शुभातिशुभ
इस सराहना और मार्गदर्शन के लिये आपकी ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीय सौरभ जी।2015 जून में इस मंच पर आई थी।उससे पहले छंद संसार का 'छ' भी नहीं जानती थी। जो कुछ सीखा है आपके और इस मंच के अन्य सुधी जनों के मार्गदर्शन में ही सीखा है।
आदरणीया प्रतिभाजी
सभी छंद अच्छे लगे। चित्र अनुसार भावपूर्ण शब्द हैं। तीसरे छंद में गहराई भी है। हृदय से बधाई।
ध्यान ये ही योग ये ही, और ये ही धर्म है ....तीन बार ये ही का प्रयोग होना गलत तो नहीं है पर और अच्छी लगेगी यदि ऐसा कहें...
ध्यान है ये योग भी है, और ये ही धर्म है
सादर
आपको छंद पसन्द आये रचनाकर्म सफल हुआ।हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी। आपके बताये सुधार उत्तम हैं।
धन्यवाद सुझाव को मान देने के लिए।
सादर प्रणाम आ प्रतिभा जी
सुंदर चित्रिय रचना के लिये बधाई
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