For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-63 (विषय: मातृभूमि)

आदरणीय साथियो,
सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-63 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है. प्रस्तुत है:
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-63
विषय: मातृभूमि
अवधि : 29-06-2020 से 30-06-2020
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फ़ॉन्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है।
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाए रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पाएँ इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद ग़ायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आसपास ही मँडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया क़तई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ-साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा ग़लत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिसपर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फ़ोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
.
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 3472

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदाब। विषयांतर्गत कम समय में लिखी मातृभूमि भक्ति पर बढ़िया प्रेरक रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया बबीता गुप्ता जी। देश का बच्चा-बच्चा देश की ज्वलंत समस्याओं से वाक़िफ़ हो चला है। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से बालमन प्रभावित हो रहे हैं। परिवारजन और शिक्षकगण द्वारा तुरंत सही व प्रेरक मार्गदर्शन प्रदान किये जाने की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है। 

कुछ टंकण त्रुटियाँ रह गयी.हैं: बावा/बाबा; कायरनामा/कायराना; .. ढ/ढ़ ....

बहुत-बहुत धन्यवाद, आदरणीय सरजी। 

आ. बबीता बहन, पर्दत्त विषय पर अच्छी कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

बहुत-बहुत धन्यवाद, आदरणीय सरजी! 

बाल मनोभाव को अभिव्यक्त करती रचना हेतु बधाई आदरणीया बबीता जी। हां, बाबा,कायराना वगैरह सही शब्द हैं।

बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय सरजी! 

     आदरनीया बबीता जी ,अच्छी लघुकथा के लिए बधाई हो  

बहुत-बहुत धन्यवाद  आदरणीय सरजी !

रोड नॉट टेकन (लघुकथा) :
एक वैश्विक महामारी के प्रकोप संग अपनी मातृभूमि और आवाम में बढ़ रहे भ्रष्टाचार, भुखमरी, हत्या-आत्महत्या, बलात्कार, मौतों के आँकड़ों के साथ स्वदेशी संसाधनों के चोले में 'सत्तर प्लस का परिपक्व विशाल एशियाई लोकतंत्र' आज अपनी भूमि की सीमाओं पर बलात्कार सा अतिक्रमण करती एक उभरती व इतराती अहंकारी शक्ति की चुनौतियों के मुहाने पर खड़ा हुआ था।
“दो रास्ते हैं… पहला आयात और निर्यात क़ायम रखने के लिये सिर्फ़ और सिर्फ़ दुश्मन से शान्ति वार्तायें जारी रखने का और दूसरा युद्ध कर उसे फ़िर से करारा सबक़ सिखाने का!” यह सोचते हुए उसे आँग्ल-भाषा के कवि रॉबर्ट फ्रॉस्ट की कविता ‘रोड नॉट टेकन’ का स्मरण हो आया, जो उसके प्रथम प्रधानमंत्री के एक प्रिय कवि भी थे।
“पहला मार्ग तकनीकी और रंग-बिरंगी औद्योगिक तरक़्क़ी वाला है और दूसरा आत्मनिर्भरता के मात्र स्वप्न और आश्वासनों से युक्त अर्थ-व्यवस्था को घोर अंधकार में धकेलने वाला!” यह सोचकर वह दुविधा में फँस कर रह गया।
“जिस राह पर अधिकतर मुल्क चला करते हैं, उस राह पर जाना उचित है या जिस पर कम चला जाता है, उस पर! राजनीति किस पर अच्छी और लम्बी चलेगी और संधियाँ-समझौते किस पर!” फ़िर से उलझ गया वह परिपक्व कहलाया जाने वाला लोकतंत्र!
फ़िर? … फ़िर उसने चुन ही लिया उनमें से एक रास्ता और उस पर चल पड़ा हालात, तज़र्बात, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता के साथ मातृभूमि की सम्रप्रभुता ,रक्षा और अवाम के हितार्थ; लेकिन इस चिंता के साथ कि जहाँ वह पहुँँचेगा, वहाँँ उसे उस छोड़े गये रास्ते पर पछतावा तो न होगा!
(मौलिक व अप्रकाशित)

आ. भाई शेख शहजाद जी, प्रदत्त विषय पर उत्तम कथा रची है । हार्दिक बधाई ।

आदाब। शुभप्रभात। मेरी रचना पर पहली पाठकीय टिप्पणी द्वारा मुझे यूँ प्रोत्साहित करने हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी।

देश काल और वातावरण को समेटती एक चिंतनपरक लघुकथा के लिए बधाई आदरणीय उस्मानी जी।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
7 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service