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आज की प्रेम कहानी

         प्रेम कहानी

मेरी भी है प्रेम कहानी,जिसमे राजा और है रानी|

मिल कर खोला दिल का राज ,नदी किनारे की है बात|

कहा तुम्हारा साथ चाहिए ,प्यार भरे ज़ज्बात चाहिए|

दिल की बाते देना बोल ,नीम नहीं मिश्री के घोल|

मृग नैनी सु अधरों वाली ,तेरे बिना मै खाली खाली|

मेरी भी है प्रेम  कहानी ,जिसमे राजा और है रानी|

लड़की का जवाब

यही बात तो सब है कहते ,साथ हमारे कभी न रहते\

कभी यहाँ है कभी वहाँ है ,रब ही जाने कहा कहा है|

कभी है राधा कभी है सीता ,कभी बहन मेरी कभी अनीता|

मन बाते तेरी सार ,दिया तुम्हे सारा अधिकार |

शुरू हुई तब प्रेम कहानी ,जिसमे राजा और है रानी|

दोस्ती के बाद

कुछ दिन चली प्रेम की बात ,हाथो में थे उनके हाथ|

कभी यहाँ मिले वहाँ मिले ,कोई न जाने जहां मिले|

घंटो करते थे वो बात ,डाल के हाथो में वो हाथ|

हसती खिलती प्रेम कहानी ,जिसमे राजा और है रानी|

विरह

रानी को कोई और मिल गया ,प्यार से उसका दिल भी खिल गया|

छोड़ दिया राजा का साथ , नहीं रहे हाथो में हाथ|

कहा भूल जा प्रेम कहानी ,ना कोई राजा ना कोई रानी|

टूट गया सपनों का मेला , राजा तन्हा रहा अकेला|

सुबह कोई न शाम सुहानी ,राजा की है यही कहानी|

ख़त्म हुई यू प्रेम कहानी ,ना कोई राजा ना कोई रानी|

 

 

मौलिक एवं अप्रकाशित

आनंद यादव

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Comment

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Comment by Pankaj sagar on April 23, 2017 at 2:11pm

घर पर सभी पंकज बोलते है इस लिए 

Comment by Pankaj sagar on April 23, 2017 at 2:09pm

धन्यवाद सर हमें ख़ुशी हुई की आप लोगो ने हमें इतना सम्मान दिया | और हम कोशिश करेंगे की आप सभी की अपेक्षाओ पे खरे उतरे धन्यवाद |

Comment by नाथ सोनांचली on April 18, 2017 at 4:20am
जनाब पंकज सागर साहिब आदाब,अच्छी प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Samar kabeer on April 17, 2017 at 9:07pm
जनाब पंकज सागर साहिब आदाब,अच्छी प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ।
अगर रचना की विधा के बारे में कुछ उल्लेख कर देते जैसा कि इस मंच का नियम है तो रचना पर कुछ कहने में पाठकों को आसानी होती ।
एक बात और ब्लाग्स पर आपका नाम पंकज सागर लिखा है,और रचना के नीचे 'आनन्द यादव'?
Comment by Mohammed Arif on April 17, 2017 at 5:40pm
प्रिय पंकज सागर जी आदाब,बड़ी ही मासूमियत से आपने प्रेम कहानी कह डाली । अभी आप उभर रहे हैं । आप में काव्यगत अपार संभावनाएँ हैं । ढेरों बधाईयाँ स्वीकार करें और गुणीजनों का मार्ग दर्शन लें ।

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