delhi ke prof. kuldip salil, (English professor, Hans Raj College, Delhi University) bhi bahut bare shayar hain, aap bhi salil hain, shayad aap un se parichit hoen.
आदरणीय श्री सलिल जी आपके "शिशु गीत " को माह की श्रेष्ठ रचना का पुरस्कार प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई !! आपकी हर कृति हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है सादर नमन आपका !!
आदरणीय श्री संजीव वर्मा "सलिल" जी, सादर अभिवादन ! मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "शिशु गीत सलिला १" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको पुरस्कार राशि रु ५५१/- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
आदरणीय आचार्यवर, आपके सहर्ष और उदार अनुमोदन पर हृदय से धन्यवाद.
आपने ’अपरूप’ की वैज्ञानिक परिभाषा उद्धृत कर मेरे कहे को स्वर और मेरी टिप्पणी-रचना को मान दिया है. इसी तथ्य को में संकेतों में कह चुका था. किन्तु, इशारे तो किन्हीं और के लिये मान्य हुआ करते हैं.
Shree,Sanjiv varma salil saheb,Chaahe koyal need mein,nij ande de kaag|Shishu na madhur swar bolataa gaaye karkash raag|| vaah... vaah..vaah.sahab aapne to dil ke taron ko janjanakar rakha diya.aabhaar
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
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Sanjiv verma 'salil''s Comments
Comment Wall (41 comments)
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bhai sanjiv verma "salil" ji ,
Namasty,
aapki rachnayen dekhi - pasand aayi
badhai ho,
delhi ke prof. kuldip salil, (English professor, Hans Raj College, Delhi University) bhi bahut bare shayar hain, aap bhi salil hain, shayad aap un se parichit hoen.
kabhi dlehi aap ayen to avashay milen,
-om sapra, delhi-9
09818180932
आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!
सलिल जी इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति एवं हौसला बढ़ाने के लिए आपको नमस्कार के साथ धन्यवाद
आदरणीय संजीव वर्मा 'सलिल' सर, आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ......
चंदा मामा आओ न,
तारे भी संग लाओ ना।
गिल्ली-डंडा कल खेलें-
आज पतंग उड़ाओ ना।।
आदरणीय श्री सलिल जी आपके "शिशु गीत " को माह की श्रेष्ठ रचना का पुरस्कार प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई !!
आदरणीय श्री सलिल जी आपके "शिशु गीत " को माह की श्रेष्ठ रचना का पुरस्कार प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई !! आपकी हर कृति हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है सादर नमन आपका !!
आदरणीय संजीव सर, सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने की हार्दिक बधाई स्वीकारें
आदरणीय संजीव सर , सादर नमस्कार ..
"महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार" से सम्मानित होने के लिए आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं/
सदस्य टीम प्रबंधनDr.Prachi Singh said…
आदरणीय संजीव जी,
सादर प्रणाम!
शिशु गीत सलिला को माह नवम्बर की सर्वश्रेष्ठ कृति का सम्मान मिलने पर आपको हार्दिक बधाई.
आपकी तो हर रचना सुन्दर भाव अभिव्यक्ति लिए पढने में आनंद देने वाली होती है
और फिर शिशु गीत सलिला से तो बल साहित्य और समरद्ध हुआ है, यह प्रबंधक
मंडल के निर्णय से और पुष्ट हो गया । मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारे भाई संजीव वर्मा 'सलिल' जी
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीय श्री संजीव वर्मा "सलिल" जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "शिशु गीत सलिला १" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको पुरस्कार राशि रु ५५१/- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
आदरणीय आचार्यवर, आपके सहर्ष और उदार अनुमोदन पर हृदय से धन्यवाद.
आपने ’अपरूप’ की वैज्ञानिक परिभाषा उद्धृत कर मेरे कहे को स्वर और मेरी टिप्पणी-रचना को मान दिया है. इसी तथ्य को में संकेतों में कह चुका था. किन्तु, इशारे तो किन्हीं और के लिये मान्य हुआ करते हैं.
ब्रह्मसृष्टि का सार समाहित, सम्मुख विष्णु अलौकिक माया.
गीत आपका सरस्वती सा, इसमें जीवन सिंधु समाया..
निर्मल तन मन ज्ञान गंग से, प्रेषित करता हृदय बधाई-
स्वीकारें यह काव्य सुमन प्रभु, रूप आपका यह मन भाया..
खेतों में अब छंद उगेंगें, प्रखर शिल्प की धूप खिली है
आसों की चिड़िया का कलरव, सुनकर गहरी नींद खुली है..
janamdin mubarak ho sir ji
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
प्रणाम
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आवश्यक सूचना:-
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