For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

निर्जला व्रत -लघुकथा -

निर्जला व्रत -लघुकथा -

सूरज तीन महीने बाद अमेरिका से लौटा तो सामान पटक कर सीधा अपने बचपन के मित्र रघु को सरप्राइज़ देने उसके घर जा धमका। रघु की शादी में वह विदेश दौरे के कारण शामिल नहीं हो सका था। इसलिये माफ़ी भी माँगनी थी।बदले में दोनों को ढेर सारे उपहार भी देने थे।

लेकिन यह क्या सूरज तो खुद चकित हो गया जब रघु का लटका हुआ उदास चेहरा देखा।"क्या हुआ दोस्त, क्या शादी रास नहीं आई।"

"छोड़ यार तू सुना, कब आया, कैसा रहा टूर?"

"यार बात को घुमा मत। भाभी कहाँ है?"

"छोड़ गयी तेरी भाभी।"

"मज़ाक मत कर यार।"

"मज़ाक नहीं, हक़ीकत है मेरे भाई।"

"भाई, मुझे सब कुछ खुल कर बता। आखिर इतनी जल्दी नई नई शादी में ऐसी क्या वज़ह हो गयी?"

"भाई, उस दिन मैं आफ़िस से जल्दी आगया था। उस वक्त सुधा सो रही थी। उसने पूरा श्रंगार कर रखा था।मेरी मन पसंद गुलाबी साड़ी पहन रखी थी। मैं भी  लेट गया। वह गहरी नींद में थी। उसके सेंट, लिपिस्टिक, मेंहदी और केश तेल की मिली जुली गंध मुझे उत्तेजित कर रही थी। मैं बेचैन हो गया। मैंने इसी भावावेश में उसके होठों पर अपने होठ रख दिये। बस भूचाल आ गया। उसने मुझे धक्का मार कर नीचे गिरा दिया।"

"जंगली, जानवर, मेरा व्रत बिगाड़ दिया। मुझे नहीं रहना तुम्हारे साथ।" सुधा बड़बड़ाती हुयी घर से निकल गयी।

"फिर तुमने क्या किया?"

"मैंने बीसियों फोन किये पर उसने नहीं उठाया।"

"उनके घरवालों से बात की।"

"हाँ की थी। उसके माँ बाप ने कहा कि पति पत्नी के झगड़े में हम नहीं पड़ेंगे।"

"चल उठ, अभी तेरे ससुराल चलना है।"

"नहीं यार, मैं कहीं नहीं जाऊंगा।"

"ज़िद मत कर यार। वैसे तो हर रिश्ते को बचाने के लिये भरसक प्रयास करने चाहिये। और ये तो पति पत्नी का रिश्ता है। सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल रिश्ता।"

कुछ ही क्षणों में दोनों मित्र सुधा के घर पर थे। सुधा बाहर ही खड़ी थी जैसे वह भी इसी पल का इंतज़ार कर रही थी।

रघु से नज़र मिलते ही उसकी अश्रुधारा बहने लगी।

"भाभी जी, एक बात बताइये। आपने वह व्रत किसके लिये रखा था?"

"इन के लिये।"

"और आप इसी को छोड़ कर चले आये।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 776

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on November 4, 2018 at 11:02am

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 3, 2018 at 12:09pm

बहुत ही अच्छी लघुकथा है आदरणीय...

Comment by TEJ VEER SINGH on November 2, 2018 at 10:51am

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।आदाब ।

Comment by Samar kabeer on November 1, 2018 at 11:14am

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 30, 2018 at 11:05am

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 30, 2018 at 11:04am

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम जी।

Comment by vijay nikore on October 30, 2018 at 10:34am

बहुत ही अच्छी लघु कथा। हार्दिक बधाई, मित्र तेज वीर सिंह जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on October 30, 2018 at 9:51am

आदरणीय तेजवीर सिंह जी, सन्देश परक अच्छी लघुकथा का सृजन।  हार्दिक बधाई। 

Comment by TEJ VEER SINGH on October 30, 2018 at 9:00am

हार्दिक आभार आदरणीय नवीन मणि जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 30, 2018 at 9:00am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
55 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते थक गई, पाप गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म से…See More
3 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सत्तरवाँ आयोजन है।.…See More
11 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service