For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजा चोर है   -  लघुकथा   –

राजा चोर है   -  लघुकथा   –

"आचार्य,इस चोर राजा के शासन से मुक्ति का कोई तो उपाय बताइये। प्रजा त्राहि त्राहि कर रही है।"

"वत्स, सर्वप्रथम तो अपनी वाणी को नियंत्रित करो।"

"गुरू जी, आपका आशय क्या है।"

"जब तक राजा का अपराध प्रमाणित नहीं होता, उसे सम्मान देना अनिवार्य है।"

"राजा का अपराध कैसे प्रमाणित होगा?"

"यह जाँच द्वारा सुनिश्चित करना दंडाधिकारी का कार्य है, जो कि विधि द्वारा स्थापित न्याय प्रणाली के तहत कार्य करता है।"

"दंडाधिकारी यह जाँच कार्य कब करेगा?"

"जब उसे यह कार्य करने का आदेश मिलेगा।"

"और उसे यह आदेश कौन देगा?"

"निश्चित तौर पर यह कार्य राजा का ही है।"

"तो क्या आचार्य, राजा अपने ही विरुद्ध जाँच का आदेश देगा।"

"मेरे विचार से तो राजा को इस जाँच हेतु अबिलंब आदेश देने चाहिये क्योंकि राजा को भी प्रजा के बीच अपनी छवि निष्कलंक रखनी चाहिये|"

"आचार्य, प्रजा के लिये राजा इतना विवेकशील होता तो इस तरह अनगिनत कर और अर्थ दंड नहीं थोपता।"

"सुशासन एवम सुरक्षा हेतु धन उपलब्ध कराना भी राजकार्य है।"

"परन्तु प्रजा से सुना गया है कि इस धन का अधिकाँश भाग राजा अपने ऐशो आराम पर व्यय करता है।"

"राजा कोई मामूली व्यक्ति तो है नहीं।राजा है तो राजा होने के सुख तो भोगेगा ही।"

"लेकिन आचार्य जी, समस्या तो अभी भी ज्यों की त्यों है।आपने मूल समस्या का निदान तो निकाला नहीं।"

"हमारी शासन प्रणाली की सबसे बड़ी जटिलता और खामी यही है कि राजा और उसके मंत्री परिषद में से वास्तविक चोर को खोजना आसान कार्य नहीं है।"

"आचार्य, तब क्या ऐसे ही हाथ पर हाथ धरे बैठ कर लूट खसोट होते देखते रहें।क्या शासन और प्रजा के प्रति हमारा कोई उत्तरदायित्व नहीं है।"

"वत्स इतने विचलित  क्यों होते हो? राजा के ऊपर भी एक बड़ा  राजा बैठा है। उसके न्याय  में देर है, अंधेर नहीं।" 

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 999

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 3, 2018 at 5:18pm

हार्दिक आभार आदरणीय विनय कुमार जी।

Comment by विनय कुमार on October 3, 2018 at 5:13pm

आ तेज वीर सिंह जी, वर्तमान परिस्थिति पर बढ़िया कटाक्ष किया है आपने लेकिन आखिरी पंक्ति ने रचना को बोधकथा जैसा बना दिया है. इसकी जगह कुछ और पंक्ति होती तो बेहतर होता. बहरहाल बधाई इस रचना के लिए

Comment by TEJ VEER SINGH on October 3, 2018 at 5:04pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 3, 2018 at 5:02pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी। आदाब।

Comment by Sushil Sarna on October 3, 2018 at 4:31pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी ,आपने वर्तमान व्यवस्था पर तीक्ष्ण कटाक्ष करती सुंदर लघुकथा प्रस्तुत की है। हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on October 3, 2018 at 3:02pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service