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ग़ज़ल (जानेमन मुझको मुहब्बत का ज़माना याद है)

(फाइलातुन _फाइलातुन _फाइलातुन _फाइलुन)


याद है तेरी इनायत, ज़ुल्म ढाना याद है |
जानेमन मुझको मुहब्बत का ज़माना याद है |

हम जहाँ छुप छुप के मिलते थे कभी जाने जहाँ
आज भी वो रास्ता और वो ठिकाना याद है |

भूल बैठे हैं सितम के आप ही क़िस्से मगर
दर्द, ग़म,आँसू का मुझको हर फ़साना याद है|

इस लिए दौरे परेशानी से घबराता नहीं
मुश्किलों में उनका मुझको मुस्कुराना याद है |

घर के बाहर यक बयक सुन कर मेरी आवाज़ को
बिन दुपट्टा तेरा दरवाज़े पे आना याद है |

जान से अपनी गया पा कर इशारा जो तेरा
क्या तुझे अपना सितम गर वो दिवाना याद है|

हुक्म से किस के गिरी तस्दीक बिजली क्या पता
हम को जलता सिर्फ अपना आशियाना याद है |

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 4, 2018 at 8:25pm

जनाब सुशील सरना साहिब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Sushil Sarna on July 4, 2018 at 5:06pm

हुक्म से किस के गिरी तस्दीक बिजली क्या पता
हम को जलता सिर्फ अपना आशियाना याद है | .... वाह क्या अशआर लिखे हैं आदरणीय। इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 4, 2018 at 9:56am

जनाब भाई लक्ष्मण धामी साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 4, 2018 at 4:04am

आ. भाई तस्दीक जी, बेहतरीन गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 3, 2018 at 8:11pm

मुह तरमा नीलम साहिबा , गज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया । 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 3, 2018 at 8:08pm

मुह्तरम जनाब समर साहिब आदाब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया । 

Comment by Neelam Upadhyaya on July 3, 2018 at 2:32pm

आदरणीय तसदीक़ अहमद जी, अच्छी गजल हुई है । मुबारकबाद कुबूल करें ।

Comment by Samar kabeer on July 3, 2018 at 12:01pm

जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,'हसरत मोहानी' की ज़मीन में अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 3, 2018 at 11:00am

जनाब श्याम नारायण साहिब, ग़ज़ल मेंआपकी शिर्कत  और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Shyam Narain Verma on July 3, 2018 at 10:31am
बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर 

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