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शज़र जब सूख जाता है कोई पत्ता नहीं रहता (तरही ग़ज़ल 'राज')

1222  1222  1222  1222

 मुख़ालिफ़ होअगर मौसम तो कुछ अच्छा नहीं रहता 
बदलते वक्त में कोई कभी अपना नहीं रहता 


कोई इंसान रिश्तों के बिना जिंदा नहीं रहता 
मुहब्बत के बिना पक्का कोई रिश्ता नहीं रहता


बुजुर्गों को दुखी करने से पहले सोच ये लेना 
शज़र जब सूख जाता है कोई पत्ता नहीं रहता 


जहाँ पर मुफलिसी बच्चों से बचपन छीन लेती है 
किसी बच्चे के दिल में भी वहाँ बच्चा नहीं रहता 


ज़रूरत ज़िस्म की जिनको मशीनों सा बना देती 
हया का उनकी आँखों में कोई कतरा नहीं रहता 


न छत पक्की न दीवारें महब्ब्त के घरौंदे की 
ख़ुदा का शुक्र है उसमें ये दिल अपना नहीं रहता 


जहाँ खुशियाँ बरसती हैं पनपते हैं वहीं सपने 
जहाँ आँखें बरसती हैं वहाँ सपना नहीं रहता

मुझे थी जुस्तज़ू जिसकी हुआ अफ़सोस जब देखा
मेरे इस शह्र में भी अब कोई मुझसा नहीं रहता 
-----मौलिक 

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 23, 2018 at 6:24pm

आ. राजेश दी, सादर अभिवादन । सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।


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Comment by rajesh kumari on May 22, 2018 at 5:29pm

आद० श्याम नारायण आपका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 22, 2018 at 5:28pm

आद० अनीता मौर्या जी आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Shyam Narain Verma on May 21, 2018 at 11:05am
इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए कोटि कोटि बधाई , सादर।
Comment by Anita Maurya on May 21, 2018 at 8:00am

वाह, बहुत खूब...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 20, 2018 at 8:47pm

प्रिय कल्पना भट्ट जी आपका तहे दिल से शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 20, 2018 at 8:46pm

मोहतरम जनाब तस्दीक जी आपकी दाद और इस्स्लाह का तहे दिल से स्वागत है मूल पोस्ट में सुधार कर चुकी हूँ इधर भी बाद में कर दूंगी 

आपका दिल से बेहद शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 20, 2018 at 8:44pm

आद० नरेन्द्र सिंह जी आपका तहे दिल से शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 20, 2018 at 8:43pm

आद० राज लाली बटाला जी ग़ज़ल पर शिरकत और सुखन नवाज़ी का बेहद शुक्रिया 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on May 20, 2018 at 7:04pm

अच्छी ग़ज़ल कही है आपने आदरणीया राजेश दी| हार्दिक बधाई|

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