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लाएँगी खुशियाँ तभी जीवन में उल्लास (गीत )

दोहे की टेक ले कर उल्लाला छंद पर गीत (उल्लास )

जब तक जीवन में रहे , जीवित हास प्रहास । 
लायेंगी खुशियाँ तभी , जीवन में उल्लास । 

तम करता जब नृत्य है , उगता तब आदित्य है । 
पूर्वजों का कथ्य है , लेकिन बिल्कुल सत्य है । 
तन में श्रम की शक्ति हो , मन में हो विश्वास । 
लाएँगी खुशियाँ तभी , जीवन में उल्लास । 


अहम वहम को छोड़ दे , ईर्ष्या का रुख मोड़ दे । 
नफ़रत को झ्न्झोड़ दे , दिल से दिल को जोड़ दे । 
आयेगा चल कर तभी , तेरे पास उजास । 
लाएँगी खुशियाँ तभी , जीवन में उल्लास ।

तू यदि मन में ठान ले , मंजिल को पहचान ले । 
सुख दुख का संज्ञान ले , खुद की ताकत जान ले। 
जीवन में होगा तभी , सार्थक सफल प्रयास । 
लाएँगी खुशियाँ तभी , जीवन में उल्लास ।


--मौलिक एवं अप्रकाशित 

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Comment by rajesh kumari on June 2, 2018 at 2:04pm

आद० लक्ष्मण भैया आपको गीत पसंद आया बहुत बहुत आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 2, 2018 at 2:03pm

आद० मोहम्मद आरिफ जी आपको गीत पसंद आया मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभार आपका 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 24, 2018 at 10:40am

आ. राजेश दी, सादर अभिवादन । सुंदर गीत हुआ है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Mohammed Arif on May 22, 2018 at 7:32pm
आशा, विश्वास, उल्लास, हास परिहास और जीने का जज़्बा जगाता बहुत भी बेहतरीन गीत के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करेन आदरणीया राजेश कुमारी जी ।

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