For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किसने किया तुझसे मना-गजल

२२१२ २२१२ 

किसने किया तुझसे मना

कर प्रेम की आराधना

 

चारों तरफ ही प्रेम की

मौजूद है सम्भावना

 

हों झुर्रियाँ जिस हाथ में

मौका मिले तो थामना

 

करना किसी की भी नहीं

बिन बात के आलोचना  

 

माहौल है, अब कलयुगी

होती न सच की साधना

 

कोई हँसे फुटपाथ पर

कोई महल में अनमना

 

आसान कब है जिदंगी

है मुश्किलों से सामना

"मौलिक एवं अप्रकाशित" 

@ बसंत कुमार शर्मा, जबलपुर

Views: 790

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 26, 2018 at 8:59pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'  जी ह्रदय से आभार आदरणीय आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 26, 2018 at 8:58pm

आदरणीय समर कबीर जी आपके बहुमूल्य सुझाव का तहे दिल से शुक्रिया , मैंने सुधार कर लिए है 

Comment by नाथ सोनांचली on March 26, 2018 at 8:15pm

आद0 बसन्त जी बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद कुबूल फरमाएं

Comment by Samar kabeer on March 25, 2018 at 9:56pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,ग़ज़ल अच्छी लगी,बधाई स्वीकार करें ।

मतले के ऊला मिसरे में 'तुझसे' की जगह "तुझको" करना उचित होगा ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 25, 2018 at 7:54pm

आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 25, 2018 at 5:15pm

आ. भाई बसंत जी, बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 25, 2018 at 11:55am

आदरणीय Harash Mahajan जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 25, 2018 at 11:55am

आदरणीय Ajay Tiwari  जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 25, 2018 at 11:51am

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी ह्रदय से आभार आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 25, 2018 at 11:50am

 आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी आपकी प्रेरक प्रतिक्रिया एवं सुझाव का ह्रदय से आभार, सुधार लेता हूँ. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service