For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल...धूल की परतें-बृजेश कुमार 'ब्रज

1222 1222 1222 1222
गुलाबों से किताबों तक समाईं धूल की परतें
जरा देखो तो अब माथे पे आईं धूल की परतें!!

ये किस आगोश ने सारे शहर को घेर के रक्खा
घना है कोहरा या फिर हैं छाईं धूल की परतें?

गया इक वक़्त वो आया न तो सन्देश ही आया
हमीं ने रिश्ते नातों पर चढ़ाईं धूल की परतें

गिला इस बात का उनसे करें भी तो करें कैसे
गमे दिल ने मेरे लब पर सजाईं धूल की परतें

बड़े ही फख्र से छोड़ी थीं अपने गाँव की गलियां
मगर 'ब्रज' को यही गम है कमाईं धूल की परतें
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 949

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 25, 2018 at 8:55pm

आदरणीय विजय जी हार्दिक आभार...सादर

Comment by vijay nikore on January 25, 2018 at 1:07pm

अच्छी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई, बृजेश जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 24, 2018 at 8:19pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी...सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 24, 2018 at 3:34pm

आ. भाई बृजेश जी बढि़या गजल कही । बधाई स्‍वीकार करें । 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 23, 2018 at 9:26pm

शुक्रिया आदरणीय महेंद्र जी..सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 23, 2018 at 9:25pm

आदरणीय तस्दीक जी..भारतीय फ़िल्म उधोग में 'कोहरा' नाम से दो फिल्में बन चुकी हैं एक 1964 की वहीदा रहमान की जिसका प्रसिद्ध गीत झूम झूम ढलती रात बेहद लोकप्रिय है दूसरी 1993 में अरमान कोहली और आयशा जुल्का को लेकर बनाई गई थी।मुझे लगता है कुहरा और कोहरा दोनों ही शब्द सही हैं...सादर

Comment by Mahendra Kumar on January 23, 2018 at 7:57pm

बढ़िया ग़ज़ल है आ. बृजेश जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 23, 2018 at 1:08pm

बिलकुल आदरणीय तस्दीक़ जी...अभी ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ..आप जयादा जानकर हैं लेकिन जो संशय है उसका दूर होना आवश्यक है।सादर

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 22, 2018 at 9:36pm

जनाब ब्रजेश कुमार साहिब , कुहरा और कुहर दोनो शब्द हिन्दी के हैं , कोहरा नाम का कोई शब्द
डिक्सनरी में है ही नहीं ---देखिएगा

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 22, 2018 at 8:32pm

आदरणीय राम अवध जी आपका हार्दिक आभार...सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service