For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

" जी , आपका परिचय ?"
" मुझे 'धर्मनिरपेक्षता' कहते हैं ।"
" बहुत ख़ूब ! आपके साथ ये कौन है ?"
" ये मेरी बड़ी बहन ' राष्ट्रीयता ' है ।"
" लेकिन आपने अपना परिचय नहीं दिया , आप कौन ?"
" मेरा कोई एक परिचय हो तो दूँ । फिर भी कुछ लोग मुझे वादे , नारे , भाषण-राशन , बयानबाज़ी , आशीर्वाद की भूखी 'राजनीति' कहते हैं ।"
राष्ट्रीयता तिलमिलाकर बोली-" सीधे-सीधे क्यों नहीं कहती कि मुझे 'चरित्रहीन' कहते हैं ।"
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 865

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on November 7, 2017 at 11:56am
आपकी हौसला अफज़ाई वाली टिप्पणी से लेखन सार्थ क हो गया आदरणीय तेज वीर जी ।बहुत-बहुत आभार ।
Comment by TEJ VEER SINGH on November 7, 2017 at 11:22am

हार्दिक बधाई आदरणीय मुहम्मद आरिफ़ जी।एक उत्तम लघुकथा के माध्यम से बहुत गहरी और गंभीर बात कही गयी है।

Comment by Mohammed Arif on November 6, 2017 at 4:58pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय अजय तिवारी जी । लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by Ajay Tiwari on November 6, 2017 at 11:52am

आदरणीय आरिफ साहब,

लघु कलेवर में बहुत अच्छी कथा प्रस्तुति. हार्दिक शुभकामनाएं.

सादर 

Comment by Mohammed Arif on November 6, 2017 at 8:03am
कथा पर अपनी अमूल्य टिप्पणी देकर सफल बनाने का डहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय विजय निकोर जी ।
Comment by Mohammed Arif on November 5, 2017 at 9:44pm
लघुकथा को अपनी निरपेक्ष टिप्पणी से सुशोभित करने का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय विजय शंकर जी ।
Comment by vijay nikore on November 5, 2017 at 9:43pm

लघु कथा अच्छी लगी। ख्याल में ताज़गी है। हार्दिक बधाई, आदरणीय मोहम्मद जी

Comment by Mohammed Arif on November 5, 2017 at 9:38pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । इसी तरह नज़रे इनायत बनाए रखें ।
Comment by Samar kabeer on November 5, 2017 at 9:01pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,ये लघुकथा भी उम्दा रही,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on November 5, 2017 at 6:18pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सलीम रज़ा साहब । आपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हुआ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service