For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल नूर की -दिल ने थोड़ा मलाल रक्खा है

२१२२,१२१२,२२ (११२)
.
दिल ने थोड़ा मलाल रक्खा है
तेरी यादों को पाल रक्खा है.
.
रोज़ मरता हूँ..और मरता हूँ 
फिर भी ख़ुद को सँभाल रक्खा है. 
.
यूँ तो अंजाम जानता हूँ मगर
एक सिक्का उछाल रक्खा है.
.
मैं तेरी शोख़ियाँ पकड़ लूँगा
मैंने आँखों में जाल रक्खा है.
.
तेरे मिलने तलक जुदाई का
फ़ैसला मैंने टाल रक्खा है. 
.
ख़ूब पीता हूँ..छक के पीता हूँ
ख़ुद का कितना ख़याल रक्खा है.
.
और सारा कुसूर अँधेरे का
रात ने दिन पे डाल रक्खा है.
.
देख नश्तर तुम्हारे हाथों में
“नूर” ने दिल निकाल रक्खा है.   
.
निलेश "नूर"
मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 973

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 2, 2017 at 9:04pm
आदरणीय भाई नीलेश जी इस रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 2, 2017 at 6:58pm

आदरणीय नूर भाई , बेहतरीन गज़ल कही है ... , बधाइयाँ स्वीकार करें ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:19pm

शुक्रिया आ. सुरेन्द्र नाथ जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:18pm

शुक्रिया आ. बृजेश जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:18pm

शुक्रिया आ. अजय जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:18pm

शुक्रिया आ. गजेन्द्र जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:18pm

शुक्रिया आ. मोहम्मद आरिफ़ साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:17pm

शुक्रिया आ. कल्पना जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:17pm

शुक्रिया आ. नीरज जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 2, 2017 at 5:17pm

शुक्रिया आ. मेघा जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service