For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यह चक्र धारी तिरंगे में ही नज़ाफ़त है-----पंकज मिश्र

1212 1122 1212 22

मेरे वतन की फ़िज़ाओं में जो मुहब्बत है
इसे बचाऊँ मैं हर हाल, मेरी चाहत है

हिमालया से लगायत महान सागर तक
परम पिता ने लिखी हिन्द की ये आयत है

तमाम लोगों ने कोशिश करी बदलने की
मगर वो हारे, विविधता में इसकी ताकत है

सफ़ेद पगड़ी हरा कुर्ता केसरी धोती
ये चक्र धारी तिरंगे में ही नज़ाफ़त है

अज़ान भी है भजन भी है चर्च की घण्टी
इसी वजह से वतन अपना खूबसूरत है

मौलिक अप्रकाशित

Views: 732

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 9, 2017 at 4:55pm
आदरणीय ब्रजेश जी सादर आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 9, 2017 at 4:54pm
आदरणीय विजय सर सादर आभार
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 8, 2017 at 12:58pm
बड़ी ही खूबसूरती को समेटे हुए शानदार ग़ज़ल..सादर
Comment by vijay nikore on August 7, 2017 at 1:11pm

अच्छी गज़ल के लिए बधाई

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 7, 2017 at 12:05pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ सर बहुत बहुत आभार, आदरणीय बाऊजी का सुझाव सर्वथा उचित है....।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 7, 2017 at 12:04pm
आदरणीय सुरेन्द्रनाथ सर सादर आभार।
Comment by Mohammed Arif on August 7, 2017 at 8:25am
आदरणीय पंकज जी आदाब, देशभक्ति के ज़्बे से भरपूर बेहतरीन ग़ज़ल । हर शे'र लाजवाब है । भारत समानता और भाईचारे पर ही टिका है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की सलाह पर ग़ौर करें ।
Comment by नाथ सोनांचली on August 7, 2017 at 8:23am
आद0 पंकज जी बेहतरीन सृजन, राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत, बधाई इस सृजन पर
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 6, 2017 at 6:31pm
आदरणीय गिरिराज सर सादर अभिवादन और हार्दिक आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 6, 2017 at 6:30pm
आदरणीय तस्दीक अहमद सर सादर अभिवादन और हार्दिक आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
4 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service