For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - झोंका कोई हिज़ाब उठाता ज़रूर है

221 2121 1221 212*
जुर्मो सितम में उसके इज़ाफ़ा ज़रूर है ।
चेहरा जो आईनो से छुपाता ज़रूर है ।।

गोया वो मेरा साथ निभाया ज़रूर है ।
पर हुस्न का गुरूर जताता ज़रूर है ।।

महफ़ूज़ मुद्दतों से यहां दिल पड़ा रहा ।
तुमने मेरा गुनाह संभाला ज़रूर है ।।

बेख़ौफ़ जा रहा है वो बारिश में देखिये ।
शायद किसी से वक्त पे वादा ज़रूर है।।

आबाद हो गया है गुलिस्तां कोई मगर ।
निकला किसी के घर का दिवाला ज़रूर है।।

गुम हो सके न आज तलक भी ख़याल से ।
मैंने तेरा वज़ूद तलाशा ज़रूर है ।।

सच है जमीं पे चाँद उतारा खुदा ने है ।
झोंका कोई हिजाब उठाता ज़रूर है ।।

उसके हुनर को दाद है कारीगरी गज़ब ।
फुरसत के साथ जिस्म तरासा ज़रूर है ।।

नज़रें हया के साथ झुकाने लगी हैं वो ।
पढ़िए जरा वो शक्ल खुलासा ज़रूर है ।।

काबिल नहीं था इश्क के यह बात है गलत । मुझको मेरा ज़मीर बताता ज़रूर है ।।

--नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 820

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on January 23, 2017 at 10:49am
आ0 कबीर सर सादर नमन । अवश्य सुधार करता हूँ ।
Comment by नाथ सोनांचली on January 23, 2017 at 8:40am
आद0 नवीन मणि त्रिपाठी जी सादर अभिवादन, उम्दा गजल के लिए दाद के साथ बधाई स्वीकार करें।
Comment by Samar kabeer on January 22, 2017 at 9:23pm
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
कुछ एक शैर में दोनों मिसरों में रब्त की कमी है,कुछ में व्याकरण की ग़लतियाँ हैं,देखियेगा ।
आठवें शैर में 'तरासा' को "तराशा" कर लें ।
9वें शैर के ऊला में 'हैं' को "है" कर लें ।
Comment by Mohammed Arif on January 22, 2017 at 8:37pm
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठीजी, आदाब ! एकदम उम्दा ग़ज़ल , मुबारकबाद ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
49 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. बृजेश ब्रज जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है. बधाई स्वीकार करें.मतले के ऊला में ये सर्द रात, हवाएं…"
1 hour ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'

बह्र-ए-मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफमुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन1212  1122  1212  112/22ये सर्द…See More
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपके सकारात्मक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई  आपकी इस प्रस्तुति पर कुछेक…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपने, आदरणीय, मेरे उपर्युक्त कहे को देखा तो है, किंतु पूरी तरह से पढ़ा नहीं है। आप उसे धारे-धीरे…"
17 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"बूढ़े न होने दें, बुजुर्ग भले ही हो जाएं। 😂"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. सौरभ सर,अजय जी ने उर्दू शब्दों की बात की थी इसीलिए मैंने उर्दू की बात कही.मैं जितना आग्रही उर्दू…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय, धन्यवाद.  अन्यान्य बिन्दुओं पर फिर कभी. किन्तु निम्नलिखित कथ्य के प्रति अवश्य आपज्का…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश जी,    ऐसी कोई विवशता उर्दू शब्दों को लेकर हिंदी के साथ ही क्यों है ? उर्दू…"
19 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मेरा सोचना है कि एक सामान्य शायर साहित्य में शामिल होने के लिए ग़ज़ल नहीं कहता है। जब उसके लिए कुछ…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश  ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका बहुत शुक्रिया "
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"अनुज ब्रिजेश , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका  हार्दिक  आभार "
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service