For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पिया खड़े है सामने,

घूंघट के पट खोल।

 

चुप रहने से हो सका, आखिर किसका लाभ,

आज समय की मांग है, नैनो में रक्ताभ।

आधी ताकत लोक की,

अपनी पीड़ा बोल।

 

पौरुषता का वो करें, अहम् हजारों बार,

लेकिन तेरे बिन सखी, बिलकुल है लाचार।

वो आयेंगे लौटकर,

सारी धरती गोल।

 

जननी से बढ़कर भला, ताकत किसके पास,

आज संजोना है तुम्हें, बस अपना विश्वास।

हिम्मत से मिटना सहज,

जीवन का ये झोल।

 

अपने मन की बात को, कहने से मत चूक,

चाहे तेरे सामने, भय की हो बन्दूक।

स्वयम कहेगा देखना,

मुँह में मिसरी घोल।

 

तेरे ही तो त्याग से, चलता है घरबार,

तेरे क़दमों में छिपा, इस जीवन का सार।

नारी तू नारायणी,

तू तो है अनमोल।

----------------------------------------------------------

(मौलिक व अप्रकाशित)  © मिथिलेश वामनकर 
----------------------------------------------------------

3 जनवरी 1831 को जन्मी, स्त्रियों के अधिकारों एवं शिक्षा के लिए काम करने वाली सावित्री बाई फुले को समर्पित 

Views: 1149

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 4, 2017 at 8:20pm

आ० मिथिलेश जी , आ० सावित्रीबाई फूले का संक्षिप्त परिचय अच्छा लगा . दोहा गीत भी सोणा है पर  आपने 'पुरुषत्व' का  जो प्रयोग किया  वह चकित करता है 

पुरुषत्व का वो करें, 

 2   3    2   2  1 2 ,------------------------------ सादर .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:35pm

आदरणीय मिथिलेश भाई , खूब दोहा गीत रचा है आपने , नारी शक्ति जागरण आज की ज्वलंत समस्या है । आपको हार्दिक बधाइयाँ । सावित्री बाई फुले  की जानकारी विसतार से देने के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 4, 2017 at 11:09am

आदरणीया प्रतिभा जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार, बहुत बहुत धन्यवाद. सावित्रीबाई फुले भारतीय समाज में महिलाओं को लेकर किये गए कार्यों के लिए सदैव गर्व का विषय रही हैं किन्तु यह भी सही है कि उन्हें महाराष्ट्र के अलावा किसी दुसरे राज्य में याद तक नहीं किया जाता. उनकी जन्मतिथि या पुण्यतिथि दूर की बात है. आपने चर्चा की है तो मंच हेतु साझा करता चलूँ कि सावित्रीबाई ने उस भारतीय समाज में कन्या शिक्षा हेतु कार्य किया जहाँ महिलाओं का पढ़ना भी पाप माना जाता था. सावित्री बाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र स्थित सतारा के गांव नायगांव में हुआ था. वह एकप्रभावशाली किसान परिवार से थी. उस समय महिलाओं को पढ़ने की स्वतंत्रता नहीं थी, लेकिन सावित्रीबाई फुले ने साहस दिखाते हुए अपनी शिक्षा पूरी की. 1848 में उन्होंने पहला महिला स्कूल पुणे में खोला था. इसके बाद उन्होंने कई महिला स्कूल खोले और कन्यायों को शिक्षित किया. कहा जाता है कि जब वह स्कूल जाती थीं तो महिला शिक्षा के विरोधी लोग पत्थर मारते थे, उन पर गंदगी फेंकते थे. महिलाओं का पढ़ना उस समय पाप माना जाता था. सावित्रीबाई एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थीं और स्कूल पहुंचकर गंदी कर दी गई साड़ी बदल लेती थीं. दलित परिवार से संबंध रखने वाली सावित्रीबाई फुले की शादी 9 साल की उम्र में ही ज्योतिबा फुले से हो गई थी. उस समय फूले की कोई शिक्षा नहीं हुई थी. समाज में व्याप्त कुरीतियां और महिलाओं की हालत देख सावित्रीबाई फुले ने दलितों और महिलाओं को सम्मान दिलाने का प्रण लिया. बिना किसी आर्थिक मदद के फुले ने लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोल दिए थे. उस दौर में ऐसा सोच पाना भी सरल नहीं था. लेकिन सावित्रीबाई फुले ने ऐसा कर दिखाया. उन्होंने एक अस्पताल भी खोला था. इसी अस्पताल में प्लेग महामारी के दौरान सावित्रीबाई प्लेग के मरीज़ों की सेवा करती थीं. एक प्लेग के छूत से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण उनको भी यह बीमारी हो लग गई, जिसके कारण उनकी 10 मार्च 1897 को मौत हो गई. उनकी मृत्यु भी सेवा करते हुए ही हुई. उन्होंने अपने पति ज्योतिबा फुले के साथ छुआछूत जैसी कुरीति के विरुद्ध भी काम किया. सादर।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 4, 2017 at 11:01am

आदरणीय तस्दीक जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार, बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 4, 2017 at 11:01am

आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार, बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।

Comment by pratibha pande on January 4, 2017 at 9:41am

 परिवार समाज में   स्त्री के योगदान  और अधिकारों की बात करती बहुत प्रभाव शाली रचना   हार्दिक बधाई  आपको ..   सावित्री बाई फुले के बारे में जानकार गर्व की अनुभूति हुई 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 3, 2017 at 7:57pm

मुहतरम जनाब  मिथिलेश साहिब , सुन्दर दोहा गीत हुआ है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं --

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on January 3, 2017 at 7:45pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी मातृशक्ति को समर्पित इस अत्यंतसुंदर रचना केलिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित हैं।स्वीकार करें।सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 3, 2017 at 5:52pm

आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार, बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।

Comment by Mohammed Arif on January 3, 2017 at 5:32pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकरजी,नारी चेतना को समर्पित दोहा गीत के लिए बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
3 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
5 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय आज़ी जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
6 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
7 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय चेतन जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
8 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
9 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
10 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय यमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
11 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
12 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, आपकी इस इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिए आपका शुक्रगुज़ार रहूँगा। "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ भाई आदाब, बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी ठीक है *इल्तिजा मस'अले को सुलझाना प्यार से ---जो चाहे हो रास्ता निकलने में देर कितनी लगती…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service