For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत-सखि! री! मन न धरे अब धीर -रामबली गुप्ता

सखि! री! मन न धरे अब धीर।
विरही मन ले वन-वन डोलूँ, सही न जाये पीर।
सखि! री! मन न धरे अब धीर।

ना चिट्ठी ना पाती आयो, ना कोई संदेश।
जाय बसे कौने सौतन घर, प्रियतम कौने देश।।
राह तकत बीते दिन-रैना छिन-छिन घटत शरीर।
सखि! री! मन न धरे अब धीर।

बीते कितने साल-महीने, बीत गए मधुमास।
कितने सावन-भादो बीते, पर ना छूटी आस।।
अँखियाँ पिय दर्शन की प्यासी, झर-झर बरसत नीर।
सखि! री! मन न धरे अब धीर।

सेज-सिँगार भयो सब सूना, कजरा बहि-बहि जात।
पिय बिन सूनी भई जिंदगी, गजरा काँट बुझात।।
अब तो उपवन भी ना जाऊँ, न ही नदी के तीर।
सखि! री! मन न धरे अब धीर।

देव-देवियाँ सभी मनाऊँ, शिव-शंकर गजराज।
अब तो पिय आ जायें मोरे, श्रद्धा पूरे आज।।
जियरा में जब हूक उठे सखि! छतिया देवे चीर।
सखी री! मन न धरे अब धीर।


-रामबली गुप्ता
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 590

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on September 25, 2016 at 9:01pm
सहृदय आभार भाई वासुदेव अग्रवाल जी
Comment by रामबली गुप्ता on September 25, 2016 at 9:01pm
आपके दोनों सुझावों से सहमत हूँ आद0 गोपाल नारायन जी सहृदय आभार सराहना एवं सुझावों के लिए
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on September 25, 2016 at 7:22pm
आ.रामबली जी बहुत ही मधुर विरह गीत के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 25, 2016 at 6:57pm

वाह  वाह रामबली जी . बहुत सुन्दर पद रचना की  आपने . दो  सम्मतियाँ हैं -

 अब तो उपवन भी ना जाऊँ, न ही नदी के तीर।  ----------   अब तो उपवन भी ना जाऊँ, ना  नदिया के तीर ।

शिव-शंकर गजराज।   -------------------------शिव-शंकर गणराज।-------गणराज गणेश हुआ गजराज सिर्फ हाथी . इस सुन्दर रचना के लिए ह्रदय तल से बधाई . आ० रामबली भाई .

Comment by रामबली गुप्ता on September 24, 2016 at 3:17pm
हार्दिक आभार आद0 भाई आशीष सिंह जी
Comment by आशीष सिंह ठाकुर 'अकेला' on September 24, 2016 at 10:39am

आ. श्री रामबली गुप्ता जी!!! बहूत ख़ूब!! बधाईयाँ स्वीकार करें!

Comment by रामबली गुप्ता on September 23, 2016 at 2:33pm
हृदय से आभार आद0 भाई सुरेश कुमार जी
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 23, 2016 at 1:23pm
बहुत खूब! बहुत सुन्दर! आदरणीय रामबली गुप्ता जी।दिल की गहराईयों से बधाई प्रेषित है । सादर ।
Comment by रामबली गुप्ता on September 23, 2016 at 10:39am
हार्दिक आभार भाई श्याम नारायण जी
Comment by Shyam Narain Verma on September 23, 2016 at 10:34am
"क्या बात है ..... बहुत खूब ... बधाई आप को "

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service