For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(१) दुर्मिल सवैया  ....करुणाकर राम

करुणाकर राम प्रणाम तुम्हें, तुम दिव्य प्रभाकर के अरूणा.

अरुणाचल प्रज्ञ विदेह गुणी, शिव विष्णु सुरेश तुम्हीं वरुणा.

वरुणा क्षर - अक्षर प्राण लिये, चुनती शुभ कुम्भ अमी तरुणा.

तरुणा नद सिंधु मही दुखिया, प्रभु राम कृपालु करो करुणा.

(२) किरीट सवैया  ...अनुप्राणित वृक्ष

कल्प अकल्प विकल्प कहे तरु, पल्लव एक विशेष सहायक.

तुष्ट करें वन-बाग नमी -जल  विंदु समस्त विशेष विधायक.

वायु धरा नभ अग्नि परा, परमाणु अशेष विशेष विनायक.

ब्रह्म अगोचर शक्ति लिये, अनुप्राणित वृक्ष विशेष प्रदायक.

मौलिक व अप्रकाशित

रचनाकार....केवल प्रसाद सत्यम

Views: 708

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 12, 2016 at 9:13pm

आ०  रामबली भाई जी, प्रणाम!    आपका तहेदिल से शुक्रिया व हार्दिक आभार. सादर

Comment by रामबली गुप्ता on June 11, 2016 at 9:18am
वाह मन मोह लिया आपके सवैयों ने आदरणीय। हृदय से बधाई स्वीकार करें।
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 10, 2016 at 7:28pm

आ० रक्ताले भाई जी,   सादर प्रणाम!    आपका रचना पर उत्साहवर्धन हेतु तहेदिल से शुक्रिया व हार्दिक आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 9, 2016 at 9:44pm

आदरणीय केवल प्रसाद जी सादर, दोनों ही सवैया छंद बहुत सुंदर और मनमोहक रचे हैं आपने. दुर्मिल में सिंहावलोकन का प्रयोग भी बहुत सुंदर. है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 9, 2016 at 8:56pm

आ० राजेश दी जी,  सादर प्रणाम!    उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल से शुक्रिया व हार्दिक आभार.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 9, 2016 at 8:54pm

आ० सौरभ सर जी, प्रणाम!    आपका तहेदिल से शुक्रिया व हार्दिक आभार.  जी आपने सही कहा ....कभी-कभी भ्रम हो जाता है...ऐसा इसलिये भी होता है, जब हम शब्दों के मोह में फंस जाते हैं....जी,   अब सही शब्द आ गया .  सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2016 at 7:51am

दोनों छंद मुग्ध कारी हुए है बहुत ही सुन्दर आपको ढेरों बधाई आ० केवल प्रसाद जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 9, 2016 at 12:30am

बहुत ही सधा हुआ प्रयास हुआ है, भाई केवल प्रसाद जी. 

आपकी पहली प्रस्तुति सामान्य दुर्मिल सवैया न हो कर ’सांगोपांग दुर्मिल सवैया’ का सुन्दर उदाहरण है. इस विशिष्ट प्रयास केलिए हार्दिक शुभकामनाएँ 

दूसरी प्रस्तुति में प्रत्येक को जगणात्मक शब्द के तौर पर प्रयुक्त किया गया है. लेकिन यह तगणात्मक शब्द है. प्रत्+ये+क .. आप देख लीजियेगा.

फिरभी आपका यह प्रयास् अत्यंत गहन है. हार्दिक शुभकामनाएँ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service