For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वतन में रोग हैं कई दवा ज़रूरी है...............ग़ज़ल इस्लाह के लिए

1222 1212 12 1222

वतन में रोग हैं कई दवा ज़रूरी है।
चलन हो प्रीत का नई फ़िज़ा ज़रूरी है।।

ख़ुदा औ ईश का ये फर्क बस भरम ही है।
ये सच है तू सभी से ये बता ज़रूरी है।।

कहीं जो प्यार हो मिला किसी को जबरन तो।
मुझे भी वो कथा ज़रा सुना ज़रूरी है।।

दिलों की डोरियाँ तो त्याग ही से जुड़ती हैं।
दिलों की नफ़रतें अमाँ मिटा ज़रूरी है।।

घना अँधेरा आसमान पर जो छाया है।
दिया-ए-इश्क़ सबके दर जला ज़रूरी है।।

Views: 625

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 18, 2016 at 10:27pm
आदरणीय फूल सिंह सर सादर धन्यवाद
Comment by PHOOL SINGH on January 18, 2016 at 2:42pm

अति सुंदर रचना आपको बहुत  बहुत बधाई स्वीकार हो

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 17, 2016 at 10:58pm
आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, सादर धन्यवाद। तारीफें और सुझाव मेरे लिए आवश्यक खुराक हैं।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 17, 2016 at 10:57pm
आदरणीय नीलेश सर सुझाव के अनुरूप परिमार्जन किया जायेगा, सादर धन्यवाद
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 17, 2016 at 10:55pm

अच्छे अश’आर हुए हैं आदरणीय पंकज साहब, दाद कुबूल करें

Comment by Nilesh Shevgaonkar on January 17, 2016 at 7:30pm

ख़ुदा औ ईश का ये फर्क बस भरम ही है।
ये सच है तू सभी से ये बता ज़रूरी है।।
इस शेर से ये भरम हो रहा है कि ई काफ़िया और है रदीफ़ पर ग़ज़ल कही गयी है ..इससे बचें ..
जबरन शब्द हल्का लग रहा है ..रिप्लेस कीजिये... सुंदर प्रयास के लिए बधाई 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 17, 2016 at 4:22pm
सादर आभार आदरनीय फूल सिंह सर
Comment by PHOOL SINGH on January 15, 2016 at 10:07am

बहुत ही सुन्दर, आप बहुत बहुत बधाई

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 14, 2016 at 10:35pm
आदरणीय तेजवीर सर, हृदय की असीम गहराइयों से सादर प्रणाम प्रेषित है, स्वीकार करें।
Comment by TEJ VEER SINGH on January 14, 2016 at 9:05pm

हार्दिक बधाई आदरणीय पंकज कुमार मिश्रा जी!इतनी बेहतरीन गज़ल कोई लिखे तो तारीफ़ करना भी ज़रूरी है!लाज़वाब गज़ल!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service