For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कितना अच्छा हो .....

कितना अच्छा हो  ....

अभी-अभी
हवाओं के थपेड़ों से बजते
वातायन के पटों ने
तिमिर में सुप्त चुप्पी से
चुपके से कुछ कहा //

अभी-अभी
रिमझिम फुहारों ने
चंचल स्मृति की
असीम गहराईयों संग
अंगड़ाई ली //

अभी-अभी
एक रूठा पल
घोर निस्तब्धता को
अपनी निःशब्द श्वासों से
जीवित कर गया //


अभी-अभी
एक तारा टूट कर
किसी की झोली
सपनों से भर गया //

अभी-अभी से लिपट
कभी पलक में
ख्वाब सो जाते है
कभी पल अपने
कभी पराये हो जाते हैं
कभी नयनघटोँ के सागर
काजल संग
तूफ़ान मचाते हैं //

सच ! अभी-अभी का ये विस्तृत आकाश
मानव मन के अवचेतन में
पल पल अंकुरित होती आशाओं का
पावन स्थल ही तो है
जो अपूर्ण संभावनाओं की
उलझी ग्रंथियों में सकारात्मक दृष्टि की
कोपलें प्रस्फुटित कर
जीवन को नया रंग दे जाता है
कितना अच्छा हो अगर
ये अभी -अभी के स्वर्णिम पल
कभी- कभी न हों //

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 556

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on January 7, 2016 at 7:50pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी प्रस्तुति को आपके आत्मीय स्नेह ने जो अपनापन दिया है उसके लिए दिल से आभार। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 7, 2016 at 6:04pm

आदरनीय सुशील सरना जी , आपकी बेहतरीन भाव पूर्ण कविता के लिये हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Sushil Sarna on January 6, 2016 at 1:19pm

आदरणीय  Dr. Rakesh Joshi jee सृजन को बल देती आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Dr. Rakesh Joshi on January 5, 2016 at 9:09pm

आदरणीय सुशील सरना जी,

बहुत सुन्दर  रचना है आपकी.बहुत-बहुत बधाई आपको.

सादर,

डॉ. राकेश जोशी

Comment by Sushil Sarna on January 5, 2016 at 9:04pm

आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी प्रस्तुति को मान देने का हार्दिक आभार। 

Comment by pratibha pande on January 5, 2016 at 8:43pm

अभी-अभी 
एक तारा टूट कर 
किसी की झोली 
सपनों से भर गया //......बहुत खूबसूरत भाव हैं आदरणीय ,ऐसे ही रचनाकर्म से रूबरू करवाते रहिये' कभी कभी' नहीं  हमेशा ,बधाई इस रचना पर 

 

Comment by Sushil Sarna on January 5, 2016 at 7:37pm

आदरणीय  Samar kabee सृजन को बल देती आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Samar kabeer on January 5, 2016 at 5:36pm
जनाब सुशील सरना जी आदाब,हमेशा की तरह ये रचना भी बहुत ख़ूब है,तहे दिल से बधाई स्वीकार करें |
Comment by Sushil Sarna on January 5, 2016 at 4:12pm

आदरणीय  सतविंदर कुमार jee  आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 5, 2016 at 1:10pm
बेहद सुंदर सृजन आदरणीय sushil sarna जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . उल्फत
"बहुत उत्तम दोहे हुए हैं आ. सुशिल जी बधाई "
1 hour ago
Akhand Gahmari shared a profile on Facebook
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम. . . . उल्फत

दोहा दशम - ..... उल्फतअश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।तारीकी में जल  उठे, बुझते हुए चिराग…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Feb 8
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service