For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल---१२-२२ १२-२२ १२-२२ आ रहा है अब

ग़ज़ल में दर्द ढल कर आ रहा है अब

कोई दरिया मचल कर आ रहा है अब

 

बड़े साहब ने इक साँचा बनाया है

जिसे देखो पिघल कर आ रहा है अब

 

ज़रा सा होश खोते ही हुआ जादू

जुबां पर सच निकल कर आ रहा है अब

 

चलो अच्छा हुआ जो ठोकरें खायी

गिरा लेकिन सँभल कर आ रहा है अब

 

बनाया मोम से पत्थर जिसे मैंने

मेरी जानिब उछल कर आ रहा है अब

 

गरज़ ढुलते ही रस्ता हो गया चिकना

मेरे घर वो फिसल कर आ रहा है अब

 

जिगर ‘खुरशीद’ का दिन भर फलक पर था

चरागों में भी जल कर आ रहा है अब

 मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 802

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ajay sharma on February 24, 2015 at 12:33am

चलो अच्छा हुआ जो ठोकरें खायी

गिरा लेकिन सँभल कर आ रहा है अब............wah wah wah sher .......kya kahoo bilkul man ki baat kar di saab ......bahut bahut mubaraqbad qubool kare ,,,,, 

Comment by Hari Prakash Dubey on February 23, 2015 at 11:16pm

आदरणीय खुर्शीद खैरादी साहब ....बहुत खूब ...

ज़रा सा होश खोते ही हुआ जादू

जुबां पर सच निकल कर आ रहा है अब

 

चलो अच्छा हुआ जो ठोकरें खायी

गिरा लेकिन सँभल कर आ रहा है अब.... शानदार रचना के लिए ढेर सारी बधाई ! सादर

Comment by Samar kabeer on February 23, 2015 at 11:08pm
जनाब ख़ुर्शीद जी,आदाब,बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है,सुनकर दिमाग़ को तस्कीन मिली,शैर दर शैर दाद क़ुबूल फ़रमाऐं |

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 23, 2015 at 9:19pm

ग़ज़ल में दर्द ढल कर आ रहा है अब

कोई दरिया मचल कर आ रहा है अब

बनाया मोम से पत्थर जिसे मैंने

मेरी जानिब उछल कर आ रहा है अब

बहुत खूब , आदरणीय खुर्शीद भाई , बढ़िया ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाइयाँ ॥ 

 

Comment by gumnaam pithoragarhi on February 23, 2015 at 6:55pm
खूब गजल है एक एक शब्द सुंदर भाव लिये हुये है बहुत बहुत बधाई खुर्शीद भाई जी .........
Comment by Dr. Vijai Shanker on February 23, 2015 at 6:35pm
बड़े साहब ने इक साँचा बनाया है
जिसे देखो पिघल कर आ रहा है अब ।
बहुत खूब, नौकरी करने को यूँ दर्शाया है, बहुत खूब, बधाइयां, इस ग़ज़ल पर आदरणीय खुर्शीद खैरादी जी, सादर।
Comment by maharshi tripathi on February 23, 2015 at 5:12pm

बहुत खूबसूरत गजल आ. खुर्शीद जी ,,,आपको लख लख बधाइयाँ |

Comment by दिनेश कुमार on February 23, 2015 at 4:45pm
बेहतरीन ग़ज़ल हुई है, वाह वाह। धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी से मैं भी सहमत हूँ भाई खुर्शीद जी।
ज़रा सा होश खोते ही हुआ जादू
जुबां पर सच निकल कर आ रहा है अब..... Waaah
चलो अच्छा हुआ जो ठोकरें खायी
गिरा लेकिन सँभल कर आ रहा है अब.....बहुत खूब
मकते ने तो कमाल किया है। वाह वाह वाह
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 23, 2015 at 2:55pm

खुर्शीद भाई

कहाँ से बीन कर लाते हो भाई  i खुदा की कसम बड़ा रश्क होता है i  दाद क्या दूं  i दाद से परे है गजल i आपकी लेखनी ऐसी ही उर्वर बनी रहे i सादर i

Comment by Neeraj Nishchal on February 23, 2015 at 1:09pm
अहा क्या खूब खजल है एक एक शब्द सुंदर भाव लिये हुये है बहुत बहुत बधाई खुर्शीद भाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
34 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
38 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
40 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
44 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service