For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वेंटिलेटर (लघुकथा)

“सुनिए , जरा प्याज काट दीजिये । ”

“देख नहीं रही हो , अभी-अभी थक हार के घर लौटा हूँ ।”

अरे….मैं भी तो आज 5 बजे दफ्तर से आयीं हूँ ।

“हाँ तो कौन सा पहाड़ खोद कर आई हो ।”

“तो तुम ही कौन सा लोहा पिघला रहे थे ?”

“इतना सुनते ही पति ने चप्पल उठा के पत्नी के मुहँ पर दे मारी, पत्नी तमतमा कर आई और पास ही पड़ा जूता उठा कर पति के मुहँ पर जड़ दिया ।”

इधर खबर आ रही थी.. “अभी –अभी , वेंटिलेटर पर पड़ी भारतीय संस्कृति ने दम तोड़ दिया ।”  

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”  

Views: 1062

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:18pm

आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी बहुत बहुत आभार आपका !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 30, 2015 at 7:16pm

सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार , आदरणीय विनय जी !

Comment by ram shiromani pathak on January 30, 2015 at 3:34pm
बढ़िया व्यंग है आदरणीय।।बधाई
Comment by somesh kumar on January 30, 2015 at 11:19am

अच्छी लघुकथा है भाई जी |पर हाँ ,खबर से जुड़ाव नहीं लग रहा है |

Comment by विनय कुमार on January 30, 2015 at 12:11am

एक अच्छी लघुकथा हेतु बधाई आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी..


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 29, 2015 at 9:32pm

आदरणीय हरिप्रकाश जी, बहुत ही सुन्दर प्लाट पर आपने काम किया है, इसके लिए बधाई अर्पित करता हूँ. सभी साथियों ने पंच लाइन की तारीफ़ किये हैं, लेकिन पता नहीं क्यों मुझे यह पंच लाइन और शीर्षक दोनों नहीं जमा.

//इधर खबर आ रही थी.. “अभी –अभी , वेंटिलेटर पर पड़ी भारतीय संस्कृति ने दम तोड़ दिया ।”//

यह खबर आखिर किस सन्दर्भ में आ सकती है ? खबर यदि कोई Realistic होती जो अप्रत्यक्ष रूप से घटित घटना को परिभाषित करती तो आनंद आ जाता. 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 29, 2015 at 6:07pm

आदरणीय गुमनाम भाई आपका  हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ ,हार्दिक धन्यवाद !

Comment by Hari Prakash Dubey on January 29, 2015 at 6:05pm

आदरणीय हरिकिशन ओझा  जी बहुत - बहुत धन्यवाद ! सादर

Comment by Hari Prakash Dubey on January 29, 2015 at 9:23am

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया साहब आशीष यूँ ही बनाये रखिये आपका आभार ! सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 29, 2015 at 9:12am

बहुत बेहतर प्रस्तुति, आदरणीय हरिप्रकाश जी. कम ही पंक्तियों में बहुत कसा हुआ चित्रण. बधाई स्वीकारें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
16 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
19 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
19 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
19 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
19 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
19 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service