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शरीर तोड़ श्रम के बाद

थक-हार लेट गया

खेत की मेढ में पड़ी,

टूटी खटिया पर..

सर्द हवाओं के बीच

गुनगुनी धूप से तन को राहत मिल रही थी..

पर मन को सुकून नही

वो गुनगुना स्पर्श नही

जो कभी किसी स्पर्श से मिलता था..

 

सोचा..उठूँ, थोडा और श्रम करूँ

फिर बेजान हो इक लाश की तरह घर पहुँच कर,

बिस्तर पर छोड़ दूंगा

जो कल भोर होते ही

फिर से जी उठेगा...

 

चल घर तक चल..

घर राह तक रही है तेरी बूढी अंधी माँ

तेरे लिए गर्म पानी किया होगा

खाना संजोयें बैठी होगी..

एक असहाय पिता

जो आज भी

तेरे सिकुड़े शरीर पर दुलाई ओढा देता है..

 

तेरा जीवन सार्थक है,

व्यर्थ की बातों को अपने अन्तर से निकाल

जो दूसरों पर आश्रित रहकर

सुकून देती हों...

चल उठ...

एक छोटे बच्चे की तरह,

ताजगी भरा

अंदाज लेकर करना

उनका सामना

उन्हें सुकून मिले,

अब उनका सुकून ही तो

तेरा सब कुछ है...

जितेन्द्र ' गीत '

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 789

Comment

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Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on November 23, 2013 at 12:13am

अच्छी प्रस्तुति की हार्दिक बधाई जितेन्द्र भाई।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 22, 2013 at 11:55pm

चल घर तक चल..

घर राह तक रही है तेरी बूढी अंधी माँ

तेरे लिए गर्म पानी किया होगा

खाना संजोयें बैठी होगी..

एक असहाय पिता

जो आज भी

तेरे सिकुड़े शरीर पर दुलाई ओढा देता है..

 बहुत मार्मिक पंक्तियाँ ,भावपूर्ण प्रस्तुति हार्दिक बधाई आपको 

Comment by ram shiromani pathak on November 22, 2013 at 11:49pm

भाई जितेन्द्र जी  सुन्दर प्रस्तुति । …हर्दिक बधाई आपको। । सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 22, 2013 at 10:57pm

भाई जितेन्द्र जी बहुत अच्छी भावपूर्ण कविता लिखा है आपने बधाई स्वीकार करें

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 22, 2013 at 9:22pm

गीतजी

कविता की बेबसी  मन को छूती है  i

Comment by CHANDRA SHEKHAR PANDEY on November 22, 2013 at 6:21pm
क्या बात
सुन्दर
बधाइयाँ
Comment by Sarita Bhatia on November 22, 2013 at 6:04pm

सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई गीत जी 

Comment by Meena Pathak on November 22, 2013 at 5:54pm

सुन्दर रचना हेतु बधाई स्वीकारें आदरणीय जितेन्द्र जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 22, 2013 at 4:55pm

आदरणीय जीतेन्द भाई , बहुत सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाई !!!!

कृपया ध्यान दे...

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