For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किसी से
कुछ भी माँगना
मुझे लगता है
बहुत बुरा...

कुछ भी मांगने से पहले
करना पड़ता है अभ्यास
कैसे हुआ जाएगा प्रस्तुत
देने वाले के सामने
समय कौन सा उचित हो
जब दाता का मूड ठीक हो
किस अंदाज़ में माँगा जाए
भाषा कैसी हो
कि पिघल जाए दाता...

मांगने का अर्थ है
कि गिरवी रख दिया जाए
अपना समूचा अस्तित्व
साथ ही मन में
रहा आये संशय
कि मांगने पर भी
कुछ न मिले तब....?

बड़ी शर्मिंदगी भर देता है
मांगने का अहसास
मेरे खुद्दार अब्बा
इसीलिये कहते हैं
कि मांगना है बेटा
तो मांगो शाह से
भिखारी से नहीं....

और इस नज़रिए से देखता हूँ
तो हर शाह मुझे
भिखारी दिखलाई देता है....
और मैं बिन मांगे लौट आता हूँ...

Views: 788

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कल्पना रामानी on April 23, 2013 at 10:12pm

और इस नज़रिए से देखता हूँ
तो हर शाह मुझे
भिखारी दिखलाई देता है....
और मैं बिन मांगे लौट आता हूँ...

बहुत सुंदर सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई, अनवर जी....

Comment by अशोक कत्याल "अश्क" on April 9, 2013 at 9:24pm

क्या खूब , एक कसक ......
आपसे प्रेरणा मिलती रहेगी |
सादर

Comment by coontee mukerji on April 7, 2013 at 2:36am

 किसी के सामने हाथ फैलाना  कितना कठिन है खासकर जो स्वाभिमानी हो . अनवर जी उत्तम रचना के लिये बहुत बहुत बधाई हो.

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on April 6, 2013 at 11:56pm

वाह ! लाजवाब रचना !!!

एक उम्दा विषय पर लिखी गयी उत्कृष्ट कविता के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार कीजियेगा आदरणीय अनवर जी

Comment by ram shiromani pathak on April 6, 2013 at 2:46pm

महोदय सर्वश्रेष्ठ रचना का पुरस्कार पाने के सादर बधाई स्बीकारें।

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 6, 2013 at 1:23pm

और इस नज़रिए से देखता हूँ
तो हर शाह मुझे
भिखारी दिखलाई देता है....
और मैं बिन मांगे लौट आता हूँ..

बधाई सर जी 

सादर 

Comment by Vindu Babu on April 6, 2013 at 12:55pm
महोदय सर्वश्रेष्ठ रचना का पुरस्कार पाने के सादर बधाई स्बीकारें।
ईश्वर आपको साहित्यिक सफलता के शिखर पर पहुंचाए...
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 31, 2013 at 9:19pm

बहुत बढ़िया प्रस्तुति सुंदर विचार आपकी बातों का मै भी अनुमोदन करती हूँ हार्दिक बधाई|

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on March 31, 2013 at 10:13am

बहुत बहुत उम्दा साहब

बधाई हो आपको

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on March 31, 2013 at 7:29am

नीचे लिखी प्रतिक्रियाओं का अनुमोदन करता हूँ!

मंगना है तो मांगो शाह से...... 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
2 hours ago
Shabla Arora updated their profile
5 hours ago
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"क्या ही कथ्य, क्या ही तथ्य और क्या ही प्रवाह .. वाह वाह वाह ..  आदरणीय अशोक भाईजी, आपने…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध की विभीषिका की चेतावनी देती उत्तम रचना हुई आ॰ अशोक जी। सभी भाव पसंद आए।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service