For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

  बसंत ऋतु पर दोहे
- लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला
 

ऋतु बसंत का आगमन,खुशियों का उन्माद,

खुशबु है मन भावन सी,मधुर-मधुर सा स्वाद।
 
ऋतु बसंत दस्तक करे, जाड़े का है अंत,
शरद विदाई  ले रहे,  दे ऋतुराज बसंत ।
 
नव अभिसार का मौसम,ऋतु बसंत ऋतुराज, 
नित मनुहार का मौसम, ले आया ऋतुराज।
 
पिली सरसों झूमती, खेतों में चहुँ और 
शब्द कोकिल गूंज रहे, कुहू कुहू का शौर।
 
वसुधा पर चादर चढ़ी, सरसों का है राज, 
मतवाला मौसम हुआ,सात सुरों में साज।  
 
अब सरसों जोगिन भई,ओढ़ पीत परिधान,
डाली डाली झूमती, माधव कृपा निधान ।
 
मन मंगल तनु बाँकुरा, सखी श्याम के संग,
सखियाँ झूमे  बावरी, कृष्ण बाँसुरी  संग ।
 
शिव भक्त भी नाच रहे, खूब बजावे चंग
झूम झूम कर गा रहे, सबके उर में  भंग।
 
डमरू ताल मृदंग पर, शिवशंकर का नृत्य।
मनमुग्ध नर नार करे,झूम झूम कर नृत्य ।   
 
माघ शुक्ल की पंचमी,बसंतोत्सव मनाय,
नवसृजन करे आज से, श्रेष्ठ सृजन हो जाय।
 
बासंती हुई सुहानी, मधुर रूप रस गंध, 
गंघ गीत लिखने लगी, फागुनी रस छंद ।
   
कविवर मधुर वाणी में, रचते नित नव छंद,
दे विणा पाणि शारदे, शब्द मधुर कवि वृन्द।
 
- लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

 

Views: 636

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 16, 2013 at 8:24pm

भाव और कथ्य की सराहना कर उत्साह बढाने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री गणेशजी बागी जी


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 16, 2013 at 6:46pm

भाव और कथ्य का उत्तम प्रेषण है, अच्छी दोहावली, शिल्पगत दोषों की तरफ आदरणीय सौरभ भईया इशारा कर ही दिए हैं, बधाई आदरणीय लडिवाला जी ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 16, 2013 at 11:45am

हार्दिक आभार भाई श्री संदीप पटेल जी, कोई सुधार आप सुझाना चाहे तो बेझिझक अवश्य बतावे

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 16, 2013 at 11:40am

इस सुन्दर बासंती दोहावली के लिए बहुत बहुत बधाई सर जी 

आदरणीय गुरुदेव के कहे से सहमत हूँ 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 15, 2013 at 6:51pm

भाई प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी आपको भी बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाए,

रचना पसंद करने पर हार्दिक आभार 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 15, 2013 at 6:49pm

परिवार के साथ कुम्भ में व्यस्तता के बाद भी आपका स्नेह प्रदान हो जाना हमारे लिये

सुखद अनुभूति है आदरणीय सौरभ जी, जिसके लिए दिल से अपका हार्दिक आभार
कतिपय दोहों में शिल्पगत कमी पर सुझाव पाकर/प्रयास कर सुधार कोशिश जारी रखूँगा ।
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on February 15, 2013 at 5:37pm
माघ शुक्ल की पंचमी,बसंतोत्सव मनाय,
नवसृजन करे आज से, श्रेष्ठ सृजन हो जाय।
हार्दिक शुभ कामनाएं 
आदरणीय लड़ीवाला जी 
सादर 

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 15, 2013 at 5:35pm
वसुधा पर चादर चढ़ी, सरसों का है राज, 
मतवाला मौसम हुआ,सात सुरों में साज। 
पटल पर भी बसंत का वातावरण ही छा गया. बहुत बहुत बधाई.. .
कतिपय दोहों में शिल्प से आश्वस्त हो लें, आदरणीय.
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 15, 2013 at 1:41pm

अपका हार्दिक आभार Dr.Ajay Khare ji 

Comment by Dr.Ajay Khare on February 15, 2013 at 1:12pm

basant ke aajag ka sunder shitran badhai adarniy ladiwala ji badhai

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
5 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service