For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक नज़्म ...तुम्हारे नाम

आज की रात बहुत भारी है 
पीर है या कि जैसे आरी है !! 
आती जाती हुई साँसों में दम निकलता है,
लम्हाँ-लम्हाँ तुम्हें पाने को दिल मचलता है !   
गहरे सन्नाटे में हर ओर तेरी आवाज़ें..
इस अंधेरे में जागतीं हैं कुछ तेरी यादें !
मेरी आँखों में तडपते हैं कई ख़्वाब नए, 
ये कशिश है तेरी चाहत जो आंसुओं में बहे ! 
एक ख़ुशबू मेरी बाँहों में कैद जागी है ,
मेरी रग रग में मुहब्बत सी दौड़ी जाती है!
नींद है कोसों दूर आँखों से .. 
दर्द सोया नहीं है यार कई रातों से !
करीब आओ, न मुझको ,बेक़रार करो .
तुम कहाँ हो कि मेरे पास आओ प्यार करो ...!!
        ~भावना 
 

Views: 671

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on February 3, 2013 at 11:01pm

आज की रात बहुत भारी है 
पीर है या कि जैसे आरी है !! 
आती जाती हुई साँसों में दम निकलता है,
लम्हाँ-लम्हाँ तुम्हें पाने को दिल मचलता है ! ......वाह वाह बहुत खूब.

सुन्दर रचना आदरेया बधाई स्वीकारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 3, 2013 at 2:27pm

आदरणीय भावना जी 

मनोंभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति, 

रचना में भाव है, रस है, अंतर्गेयता है......यदि आप इसे सही शिल्प भी देने का प्रयास करें तो रचनाएं और सधती जायेंगी.

हार्दिक बधाई इस अभिव्यक्ति पर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 3, 2013 at 11:48am

विरह के भाव और मिलन की आस को उकेरती सुंदर रचना के लिए बधाई...........

Comment by Admin on February 3, 2013 at 9:26am

आदरणीया भावना तिवारी जी , बाल साहित्य में रचना पोस्ट करने हेतु निम्नलिखित स्टेप है ....

=>टैब 

=>समूह

=>बाल साहित्य

=>+Add Discussion   

Comment by भावना तिवारी on February 3, 2013 at 8:19am

"कृपया दिशा दें कि बाल-साहित्य में रचना कैसे पोस्ट करूँ ..??"

Comment by vijay nikore on February 3, 2013 at 8:13am

बहन राज जी,

"लयात्मकता जन्मजात है ऐसा महसूस करती हूँ"

धन्य हैं आप कि आप को यह योग्यता मिली है।

विजय

Comment by भावना तिवारी on February 3, 2013 at 8:06am
आपके इस स्नेह हेतु धन्यवाद न कहूँगी ,इससे स्नेह की गहनता कम होगी .....लयात्मकता जन्मजात है ऐसा महसूस करती हूँ ..कई बार प्रयास करती हूँ छंद मुक्त रचना का और बनता कुछ और ही है .. गीतात्मकता स्वतः आ जाती है !!
Comment by vijay nikore on February 3, 2013 at 7:54am

आदरणीया भावना जी:

मुझको गीत के बारे में सौरभ भाई का सुझाव अच्छा लगा

... अत: चाहे मैं गायक नहीं हूँ, मैंने अभी आपकी कविता को

गाने का प्रयास किया तो आपकी पंक्तियाँ और भी अच्छी लगीं।

सादर,

विजय निकोर

Comment by भावना तिवारी on February 3, 2013 at 7:19am

AADARNIY vijay nikoreJI, Aarti SharmaJI, ram shiromani pathakJI, SANDEEP KUMAR PATELJI,MAHIMA SHREEJI,

अपना अमूल्य समय देकर रचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने हेतु हम आप सभी के हार्दिक आभारी हैं ....

 

Comment by भावना तिवारी on February 3, 2013 at 7:15am
 गीतात्मकता आपकी ऐसी प्रस्तुतियों को अनुपम कर देगी. .....
 
आदरणीय आप का अभिवंदन ...आप ठीक कह रहे हैं ..यूँ भी मंचों से ख़ासा जुड़ाव होने के कारण गीत सदैव प्राथमिकता में रहते हैं ..क्योंकि मूलतः हम गीतकार ही हैं !! हम आगे से इन सुझावों का ध्यान रखेंगे ...सादर !!

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"  आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, वाह ! उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सभी दोहे सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
8 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service