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आज की रात बहुत भारी है
पीर है या कि जैसे आरी है !!
आती जाती हुई साँसों में दम निकलता है,
लम्हाँ-लम्हाँ तुम्हें पाने को दिल मचलता है ! ......वाह वाह बहुत खूब.
सुन्दर रचना आदरेया बधाई स्वीकारें.
आदरणीय भावना जी
मनोंभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति,
रचना में भाव है, रस है, अंतर्गेयता है......यदि आप इसे सही शिल्प भी देने का प्रयास करें तो रचनाएं और सधती जायेंगी.
हार्दिक बधाई इस अभिव्यक्ति पर
विरह के भाव और मिलन की आस को उकेरती सुंदर रचना के लिए बधाई...........
आदरणीया भावना तिवारी जी , बाल साहित्य में रचना पोस्ट करने हेतु निम्नलिखित स्टेप है ....
=>टैब
=>समूह
"कृपया दिशा दें कि बाल-साहित्य में रचना कैसे पोस्ट करूँ ..??"
बहन राज जी,
"लयात्मकता जन्मजात है ऐसा महसूस करती हूँ"
धन्य हैं आप कि आप को यह योग्यता मिली है।
विजय
आदरणीया भावना जी:
मुझको गीत के बारे में सौरभ भाई का सुझाव अच्छा लगा
... अत: चाहे मैं गायक नहीं हूँ, मैंने अभी आपकी कविता को
गाने का प्रयास किया तो आपकी पंक्तियाँ और भी अच्छी लगीं।
सादर,
विजय निकोर
AADARNIY vijay nikoreJI, Aarti SharmaJI, ram shiromani pathakJI, SANDEEP KUMAR PATELJI,MAHIMA SHREEJI,
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