For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लौट भी आओ न ....
लौट भी आओ न
देखो !
प्रतीक्षा की सीढ़ियों पर
साँझ उतरने लगी है
भोर अपने वादे से मुकरने लगी है
आँखों की मुट्ठियों से तन्हाई फिसलने लगी है
मेरी प्रतिक्षा को और मत आज़माओ
आओ न
अब लौट भी आओ न
न, न
मैं आने का कोई समय निश्चित नहीं कर रही
जब भी चाहो
आ जाना
तुम्हारी अनुपस्थिति में
मैंने अपने आप से ढेरों बातें की हैं
कुछ अपनी कुछ तुम्हारी
तुम आओगे तो बताऊँगी
यही सोचकर
मैंनें सभी बातें
मन के आलों में करीने से सजा दी हैं
तुम जब भी आओगे
एक -एक कर के सब बताऊँगी
सच मानो
दिन -रात मैं
अपनी आँखों से वेदना का कीचड़
इस आशय से साफ करती हूँ
ताकि जब तुम लौट कर आओ
तो आँखों में जमा कीचड़
तुम्हें वेदना की गंध से
व्यथित न कर दे
तुम आओगे
इसी आस पर जिन्दा हूँ अब तक
मन के परिन्दे को अपना आसमान दे जाओ
आओ न
अब लौट भी आओ न
मेरे लिए इस जमीन पर
तुम्हारे लौट आने से बढ़कर
अन्य कोई भी आकर्षण नहीं है
मैंने आज तक
तुम से जो भी माँगा, तुमने दिया है
जानती हूँ
तुम मेरे इस अनुरोध को भी नहीं ठुकराओगे
मेरी चाहतों का ब्रह्मांड हो तुम
मेरी चाहतों को
प्रतीक्षा क्षणों की शूल वेदना से मुक्ति दिलाने
तुम अवश्य आओगे
अब विलम्ब अच्छा नहीं
कि कहीं प्रतीक्षा की सीढ़ियों पर
साँझ ढल जाए
मेरी प्रतिक्षा को विराम दे जाओ
अब तो आओ न
लौट भी आओ न
सुशील सरना / 
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 662

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 11, 2021 at 12:37pm

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी सृजन को मान देने का दिल से आभार। विलम्ब के लिए क्षमा।

Comment by Sushil Sarna on April 11, 2021 at 12:36pm

आदरणीय Samar kabeerजी सृजन को मान देने का दिल से आभार। विलम्ब के लिए क्षमा।

Comment by Sushil Sarna on April 11, 2021 at 12:35pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिरजी सृजन को मान देने का दिल से आभार। विलम्ब के लिए क्षमा।

Comment by Sushil Sarna on April 11, 2021 at 12:35pm

आदरणीय  Krish mishra 'jaan' gorakhpuriर'जी सृजन को मान देने का दिल से आभार। विलम्ब के लिए क्षमा।

Comment by Sushil Sarna on April 11, 2021 at 12:35pm

आदरणीय  अमीरुद्दीन 'अमीर'जी सृजन को मान देने का दिल से आभार। विलम्ब के लिए क्षमा।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 16, 2021 at 4:13pm

क्या कहने आदरणीय...भावों से ओतप्रोत कविता वाह

Comment by Samar kabeer on March 15, 2021 at 7:32pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2021 at 4:48pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 12, 2021 at 8:49am

बेहद सुंदर मर्म से भरी भावपूर्ण रचना हेतु हार्दिक बधाई आ. सुशील सरना जी।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 12, 2021 at 8:23am

जनाब सुशील सरना जी आदाब, शानदार कविता हुई है, वाह... लाजवाब।   प्रियतम की विरह वेदनाओं का ज़बरदस्त भावपूर्ण चित्रण किया है आपने। इस सुंदर प्रस्तुति पर आपको ढेरों सराहना और बधाईयाँ प्रस्तुत हैं। सादर। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार अच्छी घनाक्षरी रची है. गेयता के लिए अभी और…"
22 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती सुन्दर प्रस्तुतियाँ हैं…"
22 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   दिखती  न  थाह  कहीं, राह  कहीं  और  कोई,…"
22 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी,  रचना की प्रशंसा  के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार|"
23 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी,  घनाक्षरी के विधान  एवं चित्र के अनुरूप हैं चारों पंक्तियाँ| …"
23 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी //नदियों का भिन्न रंग, बहने का भिन्न ढंग, एक शांत एक तेज, दोनों में खो…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मैं प्रथम तू बाद में,वाद और विवाद में,क्या धरा कुछ  सोचिए,मीन मेख भाव में धार जल की शांत है,या…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रोक्त भाव सहित मनहरण घनाक्षरी छंद प्रिय की मनुहार थी, धरा ने श्रृंगार किया, उतरा मधुमास जो,…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++ कुंभ उनको जाना है, पुन्य जिनको पाना है, लाखों पहुँचे प्रयाग,…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक , पोस्ट कुछ देर बाद  स्वतः  डिलीट क्यों हो रहा है |"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . जीत - हार

दोहा सप्तक. . . जीत -हार माना जीवन को नहीं, अच्छी लगती हार । संग जीत के हार से, जीवन का शृंगार…See More
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में आपका हार्दिक स्वागत है "
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service