For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फूल काँटों में खिला है- ग़ज़ल

२१२२ २१२२ 

फूल काँटों में खिला है, 

प्यार में सब कुछ मिला है. 

 

है न कुछ परिमाप गम का, 

गाँव है, कोई जिला है. 

 

झोंपड़ी का देखकर गम,

तख़्त कब कोई हिला है. 

 

है कहाँ जाना न मालूम,

क्या गजब ये काफिला है. 

 

हो अगर संवाद दिल से,

खत्म हर शिकवा गिला है. 

 

तोडना उसको है मुश्किल,

ख़्वाहिशों का जो किला है.

 

दर्द सँग किलकारियाँ हैं,

जिंदगी का सिलसिला है.

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 552

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 9, 2020 at 6:45pm

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी सादर नमस्कार 

आपकी हौसलाअफजाई का दिल से शुक्रिया 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2020 at 8:46pm

बेहतरीन ग़ज़ल कही आदरणीय शर्मा जी...दूसरे शे'र में जो विशेषण दिये वो कमाल हैं...

Comment by बसंत कुमार शर्मा on October 31, 2020 at 12:44pm

आदरणीय Samar kabeer जी सादर नमस्कार 

जी उत्तम जानकारी दी आपने , आपकी इस्लाह से हमेशा ही मेरा मार्गदर्शन होता है. सादर नमन , कुछ और सोचता हूँ 

Comment by Samar kabeer on October 27, 2020 at 8:30pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

'गाँव है, कोई जिला है' 

इस मिसरे में सहीह शब्द है "ज़ि'लअ" इसका वज़्न ज़रूर 12 है,मगर इसे 'ला' के क़ाफ़िये के साथ नहीं ले सकते,ग़ौर करें ।

'ख़्वाहिशों का जो किला है'

इस मिसरे में सहीह शब्द है "क़ल'अ:" इसे भी 'ला' के क़ाफ़िये के तौर पर नहीं ले सकते,देखियेगा ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on October 27, 2020 at 2:53pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सादर नमस्कार 

आपकी हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 24, 2020 at 10:57am

आ. भाई बसंत जी, सादर अभिवादन । उत्तम गजल हुई है । हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service