For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ की सालगिरह का तुहफ़ा"

2122 2122 212

.
देख साँसों में बसा है ओ बी ओ
मेरी क़िस्मत में लिखा है ओ बी ओ


कितने आए और कितने ही गए
शान से अब तक खड़ा है ओ बी ओ


बढ़ गई तौक़ीर मेरी और भी
तू मुझे जब से मिला है ओ बी ओ


हों वो 'बाग़ी' या कि भाई 'योगराज'
तू सभी का लाडला है ओ बी ओ

भाई 'सौरभ' शान से कहते यही
मेरे तो दिल की सदा है ओ बी ओ


सीखने वाले नये जितने भी हैं
तू सभी का आसरा है ओ बी ओ


है अदब में आप ये अपनी मिसाल
बेश क़ीमत बे बहा है ओ बी ओ


दिल से निकली है यही मेरे सदा
जान भी तुझ पर फ़िदा है ओ बी ओ


चाहता हूँ मैं तुझे दिल से अगर
क्या मेरी इस में ख़ता है ऒ बी ओ


देख लो दिल चीर कर मेरा 'समर'
शान से इसमें सजा है ओ बी ओ

.
'समर कबीर'
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1263

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 2, 2020 at 8:25pm

वाह आदरणीय समर कबीर साहिब वाह। ... ओ बी ओ की सालगिरह पर इससे अच्छा तुहफ़ा और क्या होगा। इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।

Comment by Rachna Bhatia on April 2, 2020 at 1:38pm

आदरणीय समर कबीर सर, लाजवाब ग़ज़ल,हर शे'र ओ बी ओ की शान बढ़ाता हुआ । हार्दिक बधाई।

ओ बी ओ के प्रति आपका प्यार देखते ही बनता है । वर्ष गांठ पर इससे अच्छा तोहफ़ा नहीं हो सकता ।

आपको ओबीओ की सालगिरह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

Comment by Shyam Narain Verma on April 2, 2020 at 8:12am
नमस्ते जी, ओ बी ओ के साल गिरह पर बहुत ही लाजवाब प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला इसके लिए मैं ओ बी ओ का आभारी हूँ l
हर चीज़ को आप बहुत ही अच्छे से समझाते हैं इस के लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद l सादर
Comment by सालिक गणवीर on April 2, 2020 at 7:33am
ओ बी ओ की वर्ष गांठ पर कही गई ये ग़ज़ल बेमिसाल है.समर कबीर जी ,हार्दिक शुभकामनाएं.
Comment by Amar Pankaj (Dr Amar Nath Jha) on April 2, 2020 at 2:48am

वाह। बेहद खूबसूरत। ओ बी ओ की शान में कही गयी मुकम्मिल ग़ज़ल। दिल से बधाई आदरणीय समर कबीर साहेब। आदाब।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 2, 2020 at 12:00am

शब्द-माला, मोतियाँ लाये समीर 

जन्मदिन पर ’वाह-वा’ है ओबीओ ! 

एक दशक से ऊपर हो गये. दो हजार दस से प्रारम्भ हुई ओबीओ की यात्रा कई-कई राहों, मोड़ों से गुजरती हुई समय के वर्तमान मुहाने पर है. अनेकानेक नवसिखियों के लड़खड़ाते हुए कदमों का साक्षी रहा है यह पटल. जिसने अपने दर पर उन्हें आते हुए देखा है. उन्हें अपने सिर नवाते हुए देखा है. अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार अभ्यास करते हुए देखा है. वे नौसिखिये आज अपने-अपने जगत में यश-नाम के साथ ’उस्ताद’ बने प्रतिष्ठित हो रहे हैं. 

सीखते हुए सिखाने की गरिमा का जैसा बखान और सात्विक प्रदर्शन ओबीओ के पटल पर हुआ है, अन्यत्र दुर्लभ है. इस गरिमा की महिमा के कारण इसके सदस्यों के मन-मस्तिष्क में जैसा विश्वास घर करता रहा है, वह उनकी साहित्यिक प्रवृति के उभार का मुख्य कारण बनता रहा है.

ऐसे निराले पटल ओबीओ की सालग़िरह के अवसर पर आदरणीय समर साहब ने अपनी बनायी हुई परिपाटी के अनुसार ग़ज़ल प्रस्तुत की है, वह हम सभी के लिए गर्व का विषय है. अलबत्ता, मुझ जैसे अदने की ग़ज़ल में चर्चा मेरे लिए संकोच का भी कारण है. आपका आभार आदरणीय. 

ओबीओ के सालग़िरह की बधाइयाँ. 

शुभातिशुभ

Comment by अरुण कान्त शुक्ला on April 1, 2020 at 11:01pm

ओबीओ की शान में बेहतरीन अजल के लिये मुबारकबाद | 

Comment by Samar kabeer on April 1, 2020 at 9:59pm

मुहतरम जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदाब,मेरी इस ग़ज़ल को फ़ीचर ब्लॉग में शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्र गुज़ार हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
12 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service