For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सदी 16 वें साल में आ गयी है- नव वर्ष विशेष ग़ज़ल (पंकज के मानसरोवर से)

शब्दों की माला सुमन भाव निर्मित।
सभी प्रियजनों को मैं करता समर्पित।

नव वर्ष के आगमन की घड़ी में।
हृदय से शुभेच्छाएँ करता हूँ अर्पित।।

सदी 16वें साल में आ गयी है
ये यौवन हाँ जीवन में सबके अपेक्षित।।

खुशियाँ सदा द्वार पर आपके हों।
कलम से यही कामनाएँ हैं प्रेषित।।

कि धन-धान्य, सुख-शांति से घर भरा हो।
हर कामना आप सबकी हो पूरित।।

न मन न हीं तन न ही धरती गगन ये।
किसी हाल "पंकज" नहीं हो प्रदूषित।।


मौलिक-अप्रकाशित

(© सदी 16वें साल में आ गयी है)

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Shukla on January 8, 2016 at 5:31pm

आदरणीय पंकज जी सुन्‍दर प्रवाह के साथ सुन्‍दर भाव पिरो लिये है आपने  बहुत बहुत बधाई स्‍वीकार करें आज जितनी भी ग़ज़ले पढ़ी है कमोबेश सब में बह्र नदारद मिली । सादर ।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 8, 2016 at 12:41am
आदरणीय राम अवध सर सादर अभिवादन स्वीकार करें।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 8, 2016 at 12:40am
आरणीय राजेश दीदी सादर प्रणाम, अच्छा लगता है जब अब आप रचनाओं को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 7, 2016 at 6:53pm
सुन्दर सार्थक हिन्दी भाषा का पुट लिये गजल विशेष के लिये बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 7, 2016 at 5:51pm

नव वर्ष के उपलक्ष में सुन्दर सार्थक ग़ज़ल लिखी है बहुत बहुत बधाई पंकज कुमार जी 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 3, 2016 at 9:00am
आदरणीय समर कबीर सर, सुझाव के अनुरूप संशोधन निम्नवत है।

122-122-122- 122

ये शब्दों की माला सुमन भाव निर्मित।
सभी प्रियजनों को मैं करता समर्पित।

जी नव वर्ष के आगमन की घड़ी में।
हृदय से शुभेच्छाएँ करता हूँ अर्पित।।

सदी 16वें साल में आ गयी है
ये यौवन हाँ जीवन में सबके अपेक्षित।।

कि खुशियाँ सदा द्वार पर आपके हों।
कलम से यही कामनाएँ हैं प्रेषित।।

कि धन-धान्य, सुख-शांति से घर भरा हो।
हाँ हर कामना आप सबकी हो पूरित।।

न मन ही न तन ही न धरती गगन ये।
किसी हाल "पंकज" नहीं हो प्रदूषित।।

★★★★★★★★★★★★
मौलिक एवम् अप्रकाशित
★★★★★★★★★★★★
©सदी 16वें साल में आ गयी है
Comment by Samar kabeer on January 2, 2016 at 2:31pm
जनाब पंकज कुमार जी आदाब,सबसे पहली बात ये कि ग़ज़ल के अरकान नहीं लिखे आपने,इस कारण से ग़ज़ल को समझने में दुश्वारी हो रही है,ख़याल के लिहाज़ से ग़ज़ल अच्छा सन्देश दे रही है,बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
16 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service