For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पावन पर्व
पवित्र धागे संग
प्रेम से भरा

भाई बहन
बाटें प्यार ही प्यार
रक्षाबंधन

रेशमी डोर
भाई की कलाई में
गुँथा है प्यार

कच्चे धागों में
झोली भर खुशियाँ
नेह बौछार

पवित्र रिश्ता
पावन गंगा जल
कभी न टूटे

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"

मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 634

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 21, 2013 at 12:45am

प्रिय राम शिरोमणि जी ... भाई बहन के पवित्र पावन पर्व पर बहुत ही सुन्दर हाइकू .....

आप सभी मित्र मण्डली को रक्षा बंधन के पावन पर्व पर ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं
भ्रमर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 20, 2013 at 10:15pm

आ0 रामशिरोमणि भाई जी,  सादर प्रणाम!      सुन्दर, स्नेह से परिपूर्ण पवित्र पर्व पर लाजवाब संदेश और भाव भरे हाईकू हैं।  आपको तहेदिल बहुत-बहुत बधाई। सादर   

Comment by Vinita Shukla on August 20, 2013 at 9:51pm

सुंदर भावनाओं से ओत- प्रोत, सार्थक रचना. बधाई स्वीकारें.

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 3:57pm

हार्दिक  आभार आदरणीय  श्याम  जी//सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 3:56pm

हार्दिक  आभार भाई गिरिराज जी//सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on August 20, 2013 at 3:14pm
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 20, 2013 at 3:12pm

वाह भाई राम क्या बात है , रक्षाबन्धन कर हाईकू के लिये बधाई !!

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 2:54pm

बहुत बहुत आभार भाई अरुण शर्मा जी///सादर 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 20, 2013 at 2:48pm

वाह अनुज भाई बहन के पवित्र पावन पर्व पर बहुत ही सुन्दर हाइकू प्रस्तुत किये हैं आपने हार्दिक बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
11 hours ago
ajay sharma shared a profile on Facebook
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service